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Festival Season में दालों को महंगाई का तड़का, आसमान छू रहे दाम

सब्जियों के बढ़ रहे दामों के बाद अब दालें भी अपना रंग दिखाने लगी हैं। फेस्टिवल सीजन में बढ़ रहे दालों के दामों ने आम आदमी का बजट पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है।

By Edited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 08:58 PM (IST)
Festival Season में दालों को महंगाई का तड़का, आसमान छू रहे दाम
Festival Season में दालों को महंगाई का तड़का, आसमान छू रहे दाम

जालंधर, [शाम सहगल]। फेस्टिवल सीजन में दालों पर महंगाई का तड़का लग गया है। आलम यह है कि 20 दिनों के भीतर ही रिटेल में अरहर की दाल की कीमत 100 रुपये का आंकड़ा छू गई है। यही स्थिति माह की दाल की है। इसके दाम में भी 20 रुपये प्रति किलो का इजाफा हो चुका है। कारोबारियों के मुताबिक बेमौसमी बारिश के कारण यूपी और एमपी में फसल की कमी के चलते दालों के दाम में इजाफा हुआ है।

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दरअसल, जुलाई के अंतिम सप्ताह से लेकर अभी तक दालों के दाम में महंगाई का दौर जारी है। खासकर अरहर की दाल ने 100 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा छू लिया है। यही स्थिति पंजाब में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली माह की दाल की भी है। चंद दिनों में ही इसके दाम रिटेल में 85 रुपये किलो तक पहुंच चुके हैं। जबकि 20 दिन पूर्व 65 रुपये प्रति किलो दाम चल रहे थे। फिलहाल लोगों को दालों पर महंगाई से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

किसानों का घटा रुझान

पिछले वर्ष दालों के दामों में नरमी रहने के चलते यूपी और एमपी में इस बार किसानों ने अरहर के उत्पादन में कम ही रुचि दिखाई है। इसी तरह झारखंड व बिहार में भी उम्मीद से कम उत्पादन के चलते इसके दाम में इजाफा हुआ है।

मध्यम वर्ग की पहुंच से दूर हुई दालें

दालों के दाम बढ़ने के कारण तीन वर्ष पूर्व आटा-दाल स्कीम के तहत दालों की सप्लाई बंद कर दी गई थी। जबकि दाम कम होने के बाद भी इसे दोबारा शुरू नहीं किया गया। इसके चलते दालें गरीब वर्ग की पहुंच से पहले से ही दूर थी, ऊपर से दामों में भारी इजाफे के बाद अब मध्यम वर्ग से भी दूर हो गई हैं।

व्यापारियों की राय

रिटेल करियाना शॉपकीपर एसोसिएशन के प्रधान नरेश गुप्ता बताते हैं कि यूपी में एमपी में इस बार उत्पादन कम होने का असर दामों पर पड़ा है। उन्होंने कहा कि नई फसल दिसंबर तक आने के बाद दामों में कमी आ सकती है। लिहाजा, इससे पूर्व अगर सरकार दालों का निर्यात करती है तो दामों में निश्चित रूप से गिरावट हो सकती है। तीन वर्ष पहले भी सरकार ने निर्यात करके ही स्थिति पर काबू पाया था।

व्यंजन भी हुए महंगे

बड़ा के साथ सांबर सहित कई तरह के मद्रासी व्यंजनों में अरहर की दाल का इस्तेमाल होता है। ऐसे में अरहर के दामों में इजाफे का असर व्यंजनों पर भी पड़ने लगा है। बाजार में जो बड़ा सांबर 50 रुपये प्लेट में मिलता था। उसके दाम बढ़ाकर 60 रुपये कर दिए गए हैं। इसके साथ ही सांबर की अतिरिक्त मांग करने पर अतिरिक्त वसूली का नियम बना दिया है।

20 दिनों में दामों में आया अंतर

प्रति किलो       पहले                  अब 

अरहर          70 से 80 रुपये       100 रुपये 

माह की दाल  65 रुपये                85 रुपये

चना दाल       60 रुपये                75 रुपये

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