मात्र 3.39 मिनट में बनाए 550 तरह के सैंडविच, Limca Book of Records में दर्ज हुआ नाम Jalandhar News
सैंडविच बनाने के लिए ओरेगनो ब्रेड ग्रिल्ड ब्रेड मल्टीग्रेन ब्रेड टूटी-फ्रूटी ब्रेड आदि का इस्तेमाल किया गया। बाद में इन्हें यूनिक होम रेडक्रॉस स्कूल फॉर डेफ बाल घर में बांटा ग
जालंधर, जेएनएन। सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने गुरु नानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व को समर्पित इवेंट में लिम्का बुक रिकार्ड्स कायम कर दिया है। इंस्टीट्यूट के होटल मैनेजमेंट के 550 विद्यार्थियों ने 3.39 मिनट में 550 प्रकार के सैंडविच बनाकर अपना और इंस्टीट्यूट का नाम रिकार्ड्स में नाम दर्ज करवाया है। लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में भारत में बने अनोखे रिकार्ड्स दर्ज किए जाते हैं।
इतने सारे शाकाहारी सैंडविच बनाने के लिए छात्रों ने भारी मात्रा में ओरेगनो ब्रेड, ग्रिल्ड ब्रेड, मल्टीग्रेन ब्रेड, टूटी-फ्रूटी ब्रेड का इस्तेमाल किया। तैयार किए गए सैंडविच यूनिक होम, रेडक्रॉस स्कूल फॉर डेफ, बाल घर धाम तलवानी लुधियाना में वितरित किए गए।
इस दौरान ग्रुप के चेयरमैन चरणजीत सिंह चन्नी, एमडी मनबीर सिंह, वाइस चेयरमैन हरप्रीत सिंह, तानिका सिंह, रमाडा होटल के जीएम विशाल, एचआर मैनेजर रोहित, शाहपुर कैंपस के डायरेक्टर डॉ. जीएस कालड़ा, डीन डॉ. अनुपमदीप शर्मा, सीटीआइएचएम के डायरेक्टर डॉ. भरत कपूर और सीटीआइएचएम के प्रमुख दिवोय छाबड़ा आदि मौजूद थे।
सैंडविच बनाने में ये चीजें हुईं इस्तेमाल
सामान मात्रा
सफेद ब्रेड 92
ब्राउन ब्रेड 83
टूटी फ्रूटी ब्रेड 31
गार्लिक ब्रेड 156
अरिगानो 92
मल्टीग्रेन 98
सेब 03 किलो
नाशपती 02 किलो
कॉर्न 01 किलो
अनार 01 किलो
पपीता 02 किलो
अनानास 03 किलो
चैरी 03 किलो
स्ट्राबेरी 500 ग्राम
तरबूज 03 किलो
संतरा 01 किलो
पालक 03 किलो
हरी फूलगोभी 03 किलो
बंदगोभी 02 किलो
गाजर 02 किलो
कद्दू 03 किलो
फूलगोभी 04 किलो
टमाटर 08 किलो
प्याज 04 किलो
मूली 03 किलो
आलू 06 किलो
मशरूम 02 किलो
पुदीना 01 किलो.
फलियां 03 किलो
हरा प्याज 02 किलो
बैंगन 02 किलो
कॉटेज चीज 08 किलो
चीज 03 किलो
सोया 02 किलो
बेबी कॉर्न 01 किलो
चावल 01 किलो
भूरे चावल 01 किलो
चॉकलेट 200 ग्राम
जीएनए यूनिवर्सिटी ने गोलगप्पे की किस्मों में बनाया रिकॉर्ड
जालंधर। जीएनए यूनिवर्सिटी ने लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स के लिए गोलगप्पों की 1213 से अधिक किस्म तैयार करके रिकॉर्ड बनाया। फैकल्टी ऑफ हास्पिटैलिटी के डीन डॉ. वरिंदर सिंह राणा के साथ-साथ आठ फैकल्टी शेफ और 50 स्टूडेंट शेफ ने एक साथ काम किया। गोलगप्पों की किस्मों का रिकॉर्ड सामग्री के चार अलग-अलग वर्गीकरणों यानी सब्जियों, फलों, दालों और डेयरी उत्पादों पर आधारित था। लहसुनी करेला, हींग आलू पापड़ी, गोभी काला चना, दही पुदीना, बादामी घीया, चॉकलेट गोलगप्पे और कई अन्य इस रिकॉर्ड प्रयास के प्रमुख व्यंजन थे। 800 से अधिक छात्र इस रिकार्ड के गवाह बने।
जालंधर की जीएनए यूनिवर्सिटी में गोलगप्पे तैयार करते हुए विद्यार्थी।
डीन डॉ. वरिंदर सिंह राणा ने छात्रों के प्रयास की सराहना की और कहा कि प्रो चांसलर गुरदीप सिंह सेहरा की तरफ से दिए गए आइडिया की बदौलत ही यह प्रोग्राम साकार हो पाया है। मैनेजिंग डायरेक्टर शेफ राहुल वली और शेफ नीलू कौर, सेलिब्रिटी शेफ ने इस रिकार्ड को देखा। जीएनए यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. वीके रत्न, फैकल्टी शेफ धीरज पाठक, शेफ आशीष रैना, शेफ मनजिंदर सिंह, शेफ भूपिंदर, शेफ तरुणवीर सिंह, शेफ वैशाली, शेफ गौरव, डॉ. नरिंदर अवस्थी, डॉ. मोनिका हंसपाल, समीर वर्मा, श्वेता, अभिषेक धवन आदि मौके पर मौजूद रहे।
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