कोरोना वायरस के कारण नशे के कारोबार पर लगी लगाम, 27 दिन में सिर्फ 7 तस्कर गिरफ्तार
हर महीने करीब 30 नशा तस्कर गिरफ्तार होते थे लेकिन इन 27 दिनों में मात्र सात लोग नशा तस्करी के मामले में गिरफ्तार हुए हैं। ड्रग मनी के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिला है।
जालंधर,[सुक्रांत]। कोरोना वायरस फैलने के बाद हर तरफ दहशत का माहौल है और इस दहशत से नशा तस्कर भी अछूते नहीं रहे। 22 मार्च को केंद्र सरकार ने देश भर में जनता कर्फ्यू लगाया था जिसके बाद से अब तक लॉकडाउन के आदेश जारी हुए थे और पंजाब सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया था। इससे पहले हर महीने शहरी और देहाती पुलिस लाखों रुपये का नशा हर माह पकड़ती थी, लेकिन 22 मार्च से लेकर अब तक शहरी और देहाती पुलिस ने मात्र 160 ग्राम हेरोइन, 34 किलो भुक्की और थोड़ा मेडिकल नशा बरामद किया है।
हर महीने करीब 30 नशा तस्कर गिरफ्तार होते थे लेकिन इन 27 दिनों में मात्र सात लोग नशा तस्करी के मामले में गिरफ्तार हुए हैं। ड्रग मनी के नाम पर एक रुपया भी नहीं मिला है। ऐसा नहीं है कि पुलिस की सख्ती कम हो गई है बल्कि कोरोना वायरस के चलते नशा तस्करों की हालत पतली हो गई है। पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब के सारे बार्डर पहले से ज्यादा सख्ती से सील किए गए हैं लेकिन नशा तस्करों के डर से नहीं बल्कि नशा तस्करों के साथ कहीं कोरोना पंजाब में दाखिल न हो सके।
कर्फ्यू के बाद से लेकर अब तक पुलिस ने जितने भी नशा तस्कर पकड़े हैं वो सब परचून सप्लाई वाले हैं और उनसे हुई पूछताछ में भी यह पता चला है कि उनको सप्लाई देने वाले बड़े नशा तस्कर भी पाकिस्तान या कहीं और आने वाले नशे की सप्लाई नहीं उठा रहे हैं।
शराब का अवैध कारोबार भी हुआ आधा
ड्रग्स से साथ-साथ जालंधर में शराब के अवैध कारोबार को जबरदस्त झटका लगा है। कोरोना की वजह से शराब के अवैध कारोबारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कारण, जालंधर के ज्यादातर इलाके सील कर दिए गए हैं, हर चौराहे ही नहीं हर गली के मोड़ पर पुलिस कर्मी नाका लगाकर बैठे हैं, जिसके चलते शराब की सप्लाई करने वालों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है।