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हरभजन सिंह रिटायरमेंटः जालंधर की जिन गलियों में भज्जी खेले, उनमें आज भी बच्चे लगा रहे चौके-छक्के

दौलतपुरी की बलजीत कौर बताती हैं कि भज्जी उनकी गोद में खेला है और जब बड़ा हो गया तो गली में खेलने लगा। भज्जी अपने परिवार से पहुत प्यार करता था। खेलते-खेलते थक जाता था तो जिसका भी घर मिलता उसी में घुस जाता था।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 03:34 PM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 05:30 PM (IST)
हरभजन सिंह रिटायरमेंटः जालंधर की जिन गलियों में भज्जी खेले, उनमें आज भी बच्चे लगा रहे चौके-छक्के
जालंधर के दौलतपुरी स्थित क्रिकेटर हरभजन सिंह का पुराना घर। यहां आज भी जमकर क्रिकेट खेली जाती है।

मनोज त्रिपाठी, जालंधर। दौलतपुरी स्थित भज्जी के पुराने घर के बाहर गली में आज भी तमाम बच्चे भज्जी जैसा बनने का सपना लिए रोजाना घंटों क्रिकेट खेलते हैं। उनकी मां अवतार कौर कहती हैं कि साड्डे हत्थों पलया ते जम्या सी भज्जी। अस्सी वी अपने बच्चेया नू खेड़न तो नई रोकदे। (भज्जी हमारे हाथों ही पला और बढ़ा है, हम भी बच्चों को खेलने से नहीं रोकते)। भज्जी को बचपन में खिलाने वाली परमजीत कौर कहती हैं कि भज्जी जदो छोटा सी तो गलियां दे विच थापी लैके खेलदा रहदां सी, साड्डे शीशे होर पाइपां तोड़ देंदा सी।

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बलजीत कौर बताती हैं कि भज्जी उनकी गोद में खेला है और जब बड़ा हो गया तो गली में खेलने लगा। भज्जी अपने परिवार से पहुत प्यार करता था। खेलते-खेलते थक जाता था तो जिसका भी घर मिलता उसी के घर में घुस जाता था और पानी लेकर पीने लगता था। परवीन कुमारी व रमन बताती हैं कि भज्जी बहुत मजाकिया था। बच्चों के साथ खेलना व मजाक करना उसकी पसंद थी। हम जब भी उसे घर के बाहर देखते थे तो या तो खेलता था या बच्चों के साथ मजाक करता दिखाई देता था। बचपन से ही काफी एक्टिव था।

हरभजन सिंह के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा के बाद दौलतपुरी में उन्हें गोद में खिलाने वाली पड़ोसी महिलाएं भावुक हो गईं। 

गली के बच्चे बोले- भज्जी जैसा बनना है

परमजीत बताती हैं कि यही वजह है कि हमारे घरों के बच्चे भी उसी गली में खेलते हैं और कोई भी उन्हें खेलने से नहीं रोकता है। अलग बात है कि इन बच्चों के पास क्रिकेट के असली लकड़ी वाले बैट नहीं है, लेकिन प्लास्टिक के बैटों से ही सही बच्चे क्रिकेट में अपना हुनर निखारने में लगे हैं। 10 साल के हर्षबीर बताते हैं कि उन्हें भी भज्जी जैसा बनना है। अंश बेदी कहते हैं कि वह बल्लेबाजी में ही अपना करियर बनाएंगे।

भज्जी जब भी पुराने घर आते हैं, बच्चों से जरूर मिलते हैं

सोहम व हरजोत भज्जी की स्टाइल में ही गेंदबाजी की प्रैक्टिस कर रहे हैं। प्रभजोत, त्रिपुर व लियान बेदी अभी छोटे हैं, लेकिन भज्जी जब भी अपने पुराने घर आते हैं तो सभी बच्चे उनसे मिलने जाते हैं और गेंदबाजी के गुर सीखते हैं। अलग बात है कि भज्जी इन बच्चों की बजाय जालंधर से एफसी सोंधी कंपनी के क्रिकेट मैदान में खोली गई एकेडमी के बच्चों को गेंदबाजी का हुनर सिखाने में ज्यादा भरोसा रखते हैं।

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