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श्रद्धांजलिः पूर्व विधायक राज कुमार गुप्ता जब भी मैदान में उतरे, जीत कर निकले

वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज कुमार गुप्ता पांच बार पार्षद एक बार विधायक पंजाब स्माल इंडस्ट्री एक्सपोर्ट कारपोरेशन के चेयरमैन भी रहे।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 01:49 AM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:32 AM (IST)
श्रद्धांजलिः पूर्व विधायक राज कुमार गुप्ता जब भी मैदान में उतरे, जीत कर निकले
श्रद्धांजलिः पूर्व विधायक राज कुमार गुप्ता जब भी मैदान में उतरे, जीत कर निकले

जालंधर, जेएनएन। कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व विधायक राज कुमार गुप्ता का मंगलवार रात देहांत हो गया। वह 85 वर्ष के थे और कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। वह पांच बार पार्षद, एक बार विधायक, पंजाब स्माल इंडस्ट्री एक्सपोर्ट कारपोरेशन के चेयरमैन भी रहे। उनकी राजनीतिक समझ के सभी कायल थे। राज कुमार गुप्ता एक जुझारू नेता थे और अपनी शर्तों पर काम करने के लिए जाने जाते थे।

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नगर निगम के म्यूनिसिपल एक्ट की जितनी गहन जानकारी राज कुमार गुप्ता को थी, उतनी शायद निगम अफसरों को भी नहीं है। वह पांच बार पार्षद चुने गए और साल 2002 में जांलधर सेंट्रल हलके से विधायक बने थे। उनके बेटे पवन गुप्ता भी दो बार पार्षद रहे हैं। कहते हैं कि यह जनता के बीच उनकी पकड़ का ही असर था कि उन्होंने जितने भी चुनाव लड़े, सभी में जीत हासिल की। साल 2007 में पार्टी ने राजकुमार गुप्ता को टिकट नहीं दी और इसका परिणाम यह रहा कि कांग्रेस को दोआबा में बड़ी हार झेलनी पड़ी और कांग्रेस सरकार नहीं बन सकी। अब उनके निधन के साथ जालंधर में कांग्रेस की राजनीति का एक अध्याय समाप्त हो गया। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रभावित होकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनका शौक खेल, आध्यात्मिक और महात्मा गांधी की शिक्षाओं का प्रसार करना था।

दस साल बाद तजिंदर बिट्टू की टिकट कटवा कर लिया था बदला

साल 2007 के विधानसभा चुनाव में सिटिंग एमएलए होने के बावजूद कांग्रेस ने उनकी टिकट काटकर तजिंदर बिटूटू को दे दी थी। उसके बाद से ही राजकुमार गुप्ता सक्रिय राजनीति से दूरी बना कर चल रहे थे। 2012 के चुनाव में भी टिकट नहीं मिली। बिट्टू के हाथों टिकट कटने का बदला उन्होंने 10 साल बाद 2017 में लिया। इस बार हलका बदलकर नॉर्थ हो गया। कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अवतार हैनरी की टिकट काटकर तजिंदर बिट्टू को दी। दो दिन बाद ही गुप्ता ने ऐसी राजनीति खेली की पार्टी ने बिट्टू की टिकट काटकर गुप्ता को दे दी। हालांकि तब गुप्ता ने चुनाव नहीं लड़ा और यह टिकट सहमति से पूर्व मंत्री अवतार हैनरी के बेटे बावा हैनरी को दे दी।

खालिस्तान कमांडो फोर्स ने घर के बाहर चिपकाए थे धमकी भरे पोस्टर

राज कुमार गुप्ता को कांग्रेस में रहते जेल भी जाना पड़ा। 1977 में कांग्रेस ने जेल भरो आंदोलन शुरू किया तो गुप्ता ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। गुप्ता का आरएसएस से भी 36 का आंकड़ा रहा। कांग्रेस से जुड़े होने के कारण उन्हें खालिस्तान कमांडो फोर्स से भी धमकी मिली और उनके घर के बाहर धमकी भरे पोस्टर चिपकाए गए।

मुख्यमंत्री ने भी जताया दुख

मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह ने राज कुमार गुप्ता के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि वे एक सज्जन और जनप्रिय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए अथक प्रयत्न किए। लोग उन्हें उनकी निस्वार्थ सेवा और जमीन से जुड़े नेता के तौर पर हमेशा याद रखेंगे। ईश्वर उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।

राज कमार गुप्ता का राजनीति करियर

जन्म : 10 जनवरी 1937

1963-66 : भारत सेवक सभा के प्रधान के रूप में शिक्षा और सफाई व्यवस्था पर काम किया

1970 : गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में सूखा पीड़ितों के लिए काम किया

1972 : जालंधर म्यूनिसिपल कमेटी के लिए पहली बार चुनाव जीते और 30 साल तक लगातार पार्षद रहे

1975 : कौमी एकता कमेटी के जनरल सेक्रेटरी, पंजाब कांग्रेस सेवा दल के ऑर्गनाइजर

1997 : नगर निगम में नेता विपक्ष बने

2002 : जालंधर सेंट्रल से विधायक चुने गए

2006 : जिला कांग्रेस कमेटी जालंधर अर्बन के प्रधान नियुक्त

2008 : पंजाब स्माल इंडस्ट्री एंड एक्सपोर्ट कारपोरेशन के चेयरमैन बने


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