अब एसआइटी करेगी गोल्ड किट्टी घोटाले की जांच, 60 लोगों से हुई पूछताछ
पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जालंधर के गोल्ड किटी घोटाले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) बना दी है।
संवाद सहयोगी, जालंधर : करोड़ों को गोल्ड किंट्टी घोटाले में पुलिस के हाथ अभी तक कोई ऐसा सुराग नहीं लगा है, जिससे साबित हो सके कि लोगों के साथ इतनी बड़ी ठगी हुई है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक रणजीत ¨सह और गगनदीप ¨सह को गिरफ्तार किया है, लेकिन उनसे पूछताछ के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। सारा मामला ओएलएस विज कंपनी के तीसरे पार्टनर गुर¨मदर ¨सह की गिरफ्तारी पर जा टिका है। अब पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत ¨सह भुल्लर ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) बना दी है। टीम का इंचार्ज एडीसीपी हर¨वदर ¨सह को बनाया गया है। इसके अलावा टीम में एसीपी ह¨रदर ¨सह, एसीपी मक्खन ¨सह और थाना सात के प्रभारी कमलजीत ¨सह को रखा गया है। टीम ने करीब 60 लोगों को जांच में शामिल कर उनसे पूछताछ की है। गगन और रणजीत की प्रॉपर्टी पुलिस ने की जब्त पुलिस ने अभी तक आरोपित गगनदीप ¨सह और रणजीत ¨सह की गिरफ्तारी ही दिखाई है। उनके नाम पर जितनी भी प्रॉपर्टी बनी है, वह सारी केस प्रॉपर्टी बना दी गई है। पुलिस ने प्रॉपर्टी के सारे दस्तावेज रेवेन्यू डिपार्टमेंट को सौंप दिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि यह सारी प्रॉपर्टी कौन से पैसों से बनी है। यह है मामला बीते दिनों पीपीआर मॉल में चलने वाली इस कंपनी के गोल्ड किट्टी के नाम पर करोड़ों के घपले का मामला तब उजागर हुआ जब हरियाणा से पहुंचे कुछ लोगों ने यहां दफ्तर में आकर हंगामा किया। तब यहां भी इस कंपनी की गोल्ड किट्टी में इन्वेस्ट करने वाले लोगों को ठगी का पता चला। जब उन्होंने कंपनी से पैसे मांगने शुरू किए तो उन्होंने अपने फोन बंद कर लिए और घर से भी गायब हो गए। फिर पुलिस ने इस मामले में कंपनी के मालिक रणजीत ¨सह, गगनदीप ¨सह गुर¨मदर ¨सह के खिलाफ केस दर्ज किया। बाद में इनकी मेंबर शीला ¨सह को भी नामजद कर लिया गया।