जालंधर कैंट की रामबाग गोशाला में कुप्रबंधन के कारण गायें तोड़ रहीं दम, लोगों में गुस्सा
जालंधर कैंट में रामबाग गोशाला के प्रबंधकों पर आरोप है कि जो गायें दूध नहीं देती उन्हें खुले मैदान में तपती धूप में बांधा जाता है। इस कारण वे बीमारी व कुपोषण का शिकार होकर दम तोड़ रही हैं। पिछले कुछ दिनों में 5-6 गायों की मौत हो चुकी है।
जालंधर कैंट, जेएनएन। दीपनगर स्थित रामबाग गोशाला में गायों की हालत बद से भी बदतर होती जा रही है। ये गोशाला यहां रखी जा रहीं गायों के लिए कब्रगाह बनती जा रही है। चारा व्यापारी देवराज यादव (पप्पा) ने बताया कि उनकी दुकान पर पिछले कई सालों से दानी सज्जन रामबाग गोशाला की गायों के चारे के लिए धनराशि देकर जाते हैं। इसका वह चारा गोशाला में पहुंचा देते हैं। पिछले कई दिनों से वह देख रहे हैं कि जो गायें दूध देती हैं, उन्हें शेड के अंदर पंखे के नीचे बांधा जाता है। वहीं, जो गायें व गोवंश दूध नहीं देते, उन्हें खुले मैदान में तपती धूप में बांधा जाता है। इस कारण वे बीमारी व कुपोषण का शिकार होकर दम तोड़ रहें है। यादव ने बताया कि पिछले दिनों यहां 5-6 गायों की मृत्यु हो चुकी है। वीरवार को भी एक गाय मृत मिली है।
अनिमितताओं की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे भाजपा नेता सतीश गोयल ने बताया कि इसे लेकर वह कई बार रामबाग कमेटी के सदस्यों से बात कर चुके हैं लेकिन उनके कान पर जूं तक नही रेंगी। कमेटी का भी कोई सदस्य कभी आकर नहीं देखता कि यहां किस चीज की जरूरत है। गोशाला में अनियमितताओं को लेकर वह जल्द ही डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी से शिकायत करेंगे। साथ ही, मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल्स को भी पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि अगर फिर भी कोई सुधार ना हुआ तो वह कमेटी के खिलाफ आंदोलन कर स्थानीय नागरिकों से बैठक करेंगे, जिसमें गोशाला संचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
इस बारे रामबाग प्रबंधक कमेटी के एक पदाधिकारी ने कहा कि गोशाला के कर्मचारी को निर्देश दिए जा चुके हैं कि दोपहर को मवेशियों को बाहर ना छोड़ा जाए। जल्द ही इस बाबत गोशाला कमेटी में नए लोगों को जोड़ कर आर्थिक सहायता प्राप्त की जाएगी।