कोरोना संकटकाल में डॉक्टर भगवान के रूप में सामने आए : नड्डा
विद्या धाम में कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया गया।
जागरण संवाददाता, जालंधर : समाज में एक आम धारणा बनी थी कि डॉक्टर्स, पुलिस व अन्य सरकारी कर्मचारी अपना काम ठीक से नहीं करते परंतु कोरोना ने इस धारणा को बिल्कुल बदलकर रख दिया। आज डॉक्टर एक भगवान के रूप में हमारे सामने आए हैं, पुलिस के कर्मचारी अपने परिवार को छोड़कर हमारी सुरक्षा में लगे हैं। इसी प्रकार अन्य कर्मचारी और पत्रकार भी इस भयानक कठिन कोरोना के संकट काल में हमारी सेवा में लगे हैं। ये सभी सम्मान के हकदार हैं।
ये बातें विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री और प्रसिद्ध समाज सेवी विजय नड्डा ने डॉक्टरों के सम्मान समरोह में व्यक्त किए। रविवार को दोपहर 12 बजे सर्वहितकारी शिक्षा समिति के मुख्यालय विद्या धाम में कोविड-19 कोरोना योद्धाओं के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण विद्या भारती पंजाब यू ट्यूब पर किया गया। जिला समिति के अध्यक्ष शिवदयाल चुघ ने बताया कि कर्फ्यू के दौरान प्रकाशवती सर्वहितकारी विद्या मंदिर, टीवी टावर रोड, मिट्ठापुर, जालंधर में 45 दिन तक प्रतिदिन प्रात: व रात्रि में 800 लोगों की भोजन व्यवस्था निरंतर की जाती रही है। इसके अलावा ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी फल आदि वितरित किया गया। इस सेवा कार्य में प्रसिद्ध समाजसेवी सोमेश लूथरा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस कार्यक्रम में आए डॉ. तरसेम ने कहा कि कोविड-19 की भांति ही पहले सार्स, मार्स आदि फ्लू आ चुके हैं परंतु वे सभी इतने आक्रामक रूप से मानवता के समक्ष नहीं आए थे। हमें कोरोना से लड़कर अपना बचाव करना होगा। पूरी दुनिया में कोरोना की वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया चल रही है। समारोह में उपस्थित डॉ .राजीव ने कहा कि हमें यह मानकर चलना चाहिए कि सामने वाले को कोरोना है और यह भी मानना चाहिए कि मुझे भी कोरोना है, उससे सामने वाले को कैसे बचाना है।
इस अवसर पर समाजसेवी ललित महाजन और राजेन्द्र कुमार ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर डॉ. राजीव शर्मा (एसएमओ), डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. तरसेम, डॉ. भूपेंद्र और डॉ. आयुषि, छह पत्रकारों और दो समाज सेवियों और प्रमुख समाजसेवी सोमेश लूथरा को सम्मानित किया गया। मौके पर सुतीक्षण अबरोल, पार्षद शैली खन्ना, विवेक खन्ना, अमन तिवारी, मनदीप तिवारी, अनिल तिवारी, ललित महाजन व अन्य मौजूद थे।