शहरनामा : अदालत के फैसले से ठीक पहले कोरोना वायरस ने दे दी राहत
बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर दुष्कर्म का आरोप है। कोरोना संक्रमण के कारण अभी इस मामले में फैसला टल रहा है।
जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। पूरी दुनिया को एक बार डराने में सफल होने वाले कोरोना वायरस से हर इंसान दूर भाग रहा है। नेता से लेकर अभिनेता और आम आदमी से लेकर ब्यूरोक्रेसी, सभी की कोशिश है कि किसी न किसी तरह कोरोना वायरस के प्रकोप से बचा जाए। इसके लिए डॉक्टरों द्वारा दिए गए सुझावों पर लोग पूरी ईमानदारी के साथ अमल भी कर रहे हैं। शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जिसे कोरोना ने अपनी चपेट में लेने के बाद परेशान न किया हो, लेकिन बिशप फ्रैंको मुलक्कल के लिए तो कोरोना वायरस राहत लेकर आया है। नन से दुष्कर्म के आरोप में फंसे बिशप की पिछले दिनों अदालत में पेशी थी और इसी दिन फैसला आने की भी पूरी संभावना थी, लेकिन उसी दिन उनमें कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो गई। ऐसे में कुल मिलाकर चर्चा यही है कि बिशप फैंको मुलक्कल के लिए कोरोना वायरस राहत भरा ही रहा है।
दूसरों को नसीहत, खुद मियां फजीहत
कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर बीते कई दिनों से बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलने वालों पर पुलिस ने पैनी नजर गड़ा रखी है। जिले भर की पुलिस एक ही काम में जुटी है कि जो भी बिना मास्क के सड़कों पर दिखाई दे जाए, तुरंत उसका चालान काटो। खास तौर पर वाहन चालक। कोई कार में अकेला बैठकर बिना मास्क के जा रहा है तो भी चालान किया जा रहा है। ऐसे में तमाम वाहन चालक खासे परेशान हैं। कुछ जिलों में तो चालान के साथ एफआइआर भी दर्ज करवाई जा रही है। इससे तंग आकर कुछ लोगों ने बीते दिनों बीएमसी चौक पर बिना मास्क के ड्यूटी दे रहे पुलिस मुलाजिमों को घेर लिया। लोगों ने पुलिस की वीडियो बनाकर तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। हर तरफ यही चर्चा रही कि दूसरों को नसीहत देने वाली पुलिस खुद अपनी फजीहत करवाने में जुटी है।
राशन की सियासत में उलझे बेरी
गरीब परिवारों में बांटे जाने वाले राशन को निजी होटल व दुकानों में स्टोर करवाने को लेकर इन दिनों भारतीय जनता पार्टी ने जालंधर के विधानसभा हलका सेंट्रल के विधायक राजिंदर बेरी को घेर रखा है। भाजपा ने इस मामले को लेकर पूरे शहर में कांग्रेसियों को कठघरे में खड़ा कर रखा है। इतना ही नहीं, भाजपा नेता लगातार आक्रामक भी होते जा रहे हैं। हालांकि इसके बाद भी जिला प्रशासन इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साधे बैठा है। प्रशासन ने मामले की जांच तक करवाने की जहमत नहीं उठाई कि आखिर राशन वितरित करने के लिए रखा गया था तो जरूरतमंदों में वितरित क्यों नहीं किया गया। दो दिनों तक पहले सेंट्रल टाउन में होटल के गोदाम से फिर सूर्या एन्क्लेव में एक टैंपो में रखा राशन पकड़ कर भाजपा नेताओं ने कांग्रेसियों को आड़े हाथों लिया है। इस पूरे मामले में विधायक राजिंदर बेरी उलझकर रह गए हैं।
अब तो आड़े आने लगी उम्र
कहते हैं कि उम्र का असर तो हर किसी पर दिखाई देता है फिर चाहे वह किसी भी विभाग का मुलाजिम हो या अधिकारी। कोरोना काल में जिस प्रकार तेजी से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, उससे सरकारी विभाग भी अछूते नहीं हैं। हालात यह है कि पुलिस कमिश्नरेट सहित विभिन्न सरकारी विभागों के मुलाजिम व अधिकारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इसके बाद से ही कोरोना संक्रमण से बचे अधिकारियों ने या तो दफ्तर आना ही बंद कर दिया है, या फिर पब्लिक डीलिंग से तौबा कर ली है। विभिन्न सरकारी विभागों में उच्च पदों पर तैनात ज्यादातर विभागीय हेड 40 से ऊपर की उम्र के हैं, इसलिए वे डॉक्टरी सलाह पर ज्यादा अमल करके कोरोना को दूर रखने की कवायद में जुटे हैं। यही कारण है कि पिछले सप्ताह पुलिस कमिश्नरेट सहित अन्य दफ्तरों में पब्लिक नहीं के बराबर ही रही।