सेहत विभाग की लापरवाही खुलेआम घूम रहे कोरोना मरीज, Community Infection का खतरा बढ़ा
रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में नहीं पहुंचा जा रहा है। वे बाहर घूमकर अन्य लोगों के लिए संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। सेहत विभाग की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना पॉजिटिव मरीजों को 24 घंटे बाद भी आइसोलेशन सेंटर में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। ऐसे में कोरोना मरीज अपने परिजनों के साथ बाजार में घूम कर कोरोना को बढ़ावा दे रहे हैं। इधर, सहायक सिविल सर्जन डॉ. गुरमीत कौर ने मामले को गंभीरता से लेकर समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।
छोटा अली मोहल्ला में करियाना का काम करने वाले व्यक्ति के पॉजिटिव आने के बाद उसकी बहू और रविवार को उसकी पत्नी भी पॉजिटिव पाई गई। 24 घंटे बीत जाने के बावजूद सेहत विभाग की टीम ने 58 साल की महिला को आईसोलेशन में शिफ्ट करने की जहमत नहीं उठाई।
स्थानीय निवासियों के अनुसार महिला अपने बेटे के साथ स्कूटर पर खुलेआम बाजार में घूम रही है। उसके संपर्क में आने वाले लोगों पर कोरोना होने का खतरा मंडरा रहा है। सेहत विभाग के आइडीएसपी आफिस में सपर्क किया गया तो उन्होंने महिला को फोन किया तो उसने घर पर ही होने की बात कही। मरीज ने डॉक्टर को बताया कि घर पर दो महिलाएं आई थीं और उन्होंने उसे नेगेटिव होने की बात कही थी। उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने की किसी ने भी सूचना नहीं दी है। महिला के साथ बातचीत होने के बाद बावजूद डॉक्टर व स्टाफ एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। किसी ने पॉजिटिव मरीज को शिफ्ट करने की जहमत नहीं उठाई।
मखदूमपुरा के आठ मरीज भी आइसोलेशन सेंटर नहीं पहुंचे
मखदूमपुरा इलाके के भी आठ मरीज रिपोर्ट पॉजिटिव आने के 24 घंटे बाद भी आइसोलेशन सेंटर नहीं पहुंचे और न ही उन्हें होम आइसोलेट करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। वहीं, जौहल अस्पताल में दाखिल मरीज को भी सिविल अस्पताल में खासी परेशानियां झेलनी पड़ी। मरीज शहर के निजी अस्पतालों और डीएमसी लुधियाना के बाद सिविल अस्पताल में पहुंचा था। स्वजनों का आरोप है कि इलाज की सुविधा न मिलने की वजह से वह जौहल अस्पताल में पहुंचे।
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