जालंधर में PNB ने बालिग होने पर भी खाता आपरेट करने की नहीं दी इजाजत, कंज्यूमर फोरम ने लगाया हर्जाना
जालंधर के सोढल रोड निवासी महक को बालिग होने के बाद भी बैंक अकाउंट आपरेट करने की इजाजत न देना पंजाब नेशनल बैंक को भारी पड़ गया। कंज्यूमर फोरम ने इसे उत्पीड़न मानते हुए बैंक पर पांच हजार का हर्जाना लगा दिया।
जालंधर, जेएनएन। जालंधर के सोढल रोड निवासी महक को बालिग होने के बाद भी बैंक अकाउंट आपरेट करने की इजाजत न देना पंजाब नेशनल बैंक को भारी पड़ गया। मामले की सुनवाई करते हुए कंज्यूमर फोरम ने इसे उत्पीड़न मानते हुए बैंक पर पांच हजार का हर्जाना लगा दिया। हालांकि सुनवाई में बैंक ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों को नकार दिया। उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में हाई कोर्ट के एक फैसले का उदाहरण देते हुए पंजाब नेशनल बैंक को यह आदेश दिए कि महक को उनका अकाउंट आपरेट करने की इजाजत दी जाए। साथ ही पीड़िता का उत्पीड़न करने के लिए बैंक हर्जाना भी दे।
पीड़िता के पिता निगम में सीवरमैन के तौर पर काम कर रहे थे। उनका ओल्ड रेलवे रोड पीएनबी ब्रांच में अकाउंट था। अपने माता-पिता की मौत के बाद महक उनकी इकलौती कानूनी वारिस रह गई थी। इसी खाते में उनके पिता की पेंशन भी आती थी। माता-पिता की मौत के समय महक नाबालिग थी, इसलिए कोर्ट ने अकाउंट को आपरेट करने के लिए उसके चाचा को गार्जियन नियुक्त कर दिया था। बालिग होने के बाद जब उसने खाता आपरेट करना चाहा तो बैंक ने मना कर दिया।
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