एक करोड़ की पेमेंट न मिलने पर ठेकेदार ने किया पीएपी-रामामंडी फ्लाईओवर का काम बंद
बीते नौ वर्ष से कंप्लीशन की राह देख रहे पीएपी रामामंडी फ्लाईओवर के निर्माण पर एक बार फिर से संकट के बादल हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर : बीते नौ वर्ष से निर्माण पूरा होने की राह देख रहे पीएपी रामामंडी फ्लाईओवर पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दोनों फ्लाईओवर्स की अप्रोच रोड पर मिट्टी डालने का काम कर रहे ठेकेदार ने एक करोड़ के लगभग पेमेंट की अदायगी न होने पर मिट्टी डालने का काम रोक दिया है। ठेकेदार का आरोप यह भी है कि निर्माण करवा रही निजी कंपनी रोडीज की तरफ से साइट पर काम कर रही मशीनों एवं ट्रकों के लिए डीजल की सप्लाई भी रोक दी गई है, जिस कारण साइट पर मिट्टी डालने और मशीनें चलाने का काम फिलहाल संभव नहीं रहा है।
ठेकेदार प्रेम कुमार एवं दारा ने बुधवार से दोनों साइट्स पर काम बंद होने की पुष्टि की है। ठेकेदार पार्टनरों का आरोप है कि पीएपी फ्लाईओवर प्रोजेक्ट तो कंप्लीशन के बेहद नजदीक है। कंपनी ने तो अपना काम पूरा करवा लिया है, लेकिन उनकी बनती पेमेंट नहीं की जा रही है। कुछ दिन पहले भी ठेकेदार की तरफ से काम बंद करने के बाद कंपनी की तरफ से पांच लाख के लगभग की पेमेंट की गई थी और जिसके बाद कंपनी ने फिर से ठेकेदार से मिट्टी डलवाने का काम शुरू करवा लिया था।
मौजूदा समय में पीएपी फ्लाईओवर की दाई अप्रोच रोड पर मिट्टी डालने का काम लगभग पूरा हो चुका है और बाई अप्रोच रोड पर भी कुछ फुट मिट्टी डालनी बाकी बची है। हालांकि रामा मंडी फ्लाईओवर का काम तो अभी पूरी रफ्तार पकड़ भी नहीं सका है और वॉल पैनलिंग का काम बेहद धीमी गति से कुछ फुट तक ही ऊपर आ सका है। हैरानी है कि काम बंद होने के बावजूद निजी कंपनी रोडीज की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है।
जालंधर पानीपत सिक्स लेन प्रोजेक्ट के ऊपर सोमा आइसोलक्स कंपनी की तरफ से काम शुरू किया गया था, जो कई वर्ष तक पिछड़ा रहा और अब पीएपी और रामा मंडी फ्लाईओवर का काम आगे निजी कंपनी रोडीज के हवाले किया गया। इस संबंध में अंबाला स्थित अधिकारी ज्योति प्रकाश से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन टोल प्लाजा अंबाला पर तैनात गार्ड ने बताया कि यह नंबर ऑफिस में ही पड़ा रहता है और सुबह ऑफिस खुलने के बाद ही बात हो सकती है। पीएपी रामामंडी फ्लाईओवर साइट पर तैनात कंपनी के अधिकारी हितेश धवन की तरफ से भी लगातार फोन न उठाए जाने के चलते संपर्क संभव नहीं हो सका।