नवांशहर [राजीव पाठक]। शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में शहीद का यादगारी स्मारक तो बना दिया गया लेकिन साढ़े दस साल बाद भी इस प्रोजेक्ट के दो चरण अधूरे पड़े हैं। स्मारक व म्यूजियम ही बन पाया है जबकि लैंड स्केप और रिसर्च सेंटर का काम भी शुरू नहीं हुआ। सरकार की उदासीनता का आलम यह है कि जो प्रोजेक्ट दो साल में पूरा होना था वह साढ़े दस साल बाद भी अधूरा है।
शहीद भगत सिंह स्मारक और म्यूजियम के निर्माण का शिलान्यास फरवरी 2009 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने किया था। इसके लिए 16 करोड़ मंजूर किए गए थे। स्मारक और म्यूजियम नौ साल के लंबे इंतजार के बाद तैयार हुआ और इस पर 18 करोड़ रुपये की लागत आई है। 11 एकड़ में बनाया जाने वाला स्मारक दो साल में पूरा होना था लेकिन इसे पूरा करने में नौ साल लग गए।
स्मारक के काम को गति उस वक्त मिली जब वर्ष 2017 में स्थानीय निकाय, संस्कृति व पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू यहां आए। उन्होंने यहां के पार्क के बिजली का बिल अपने पास से चुकाया। उसके बाद 23 मार्च 2018 को शहीदी दिवस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्मारक और म्यूजियम का उद्घाटन किया।
यह थे तीन चरण
प्रोजेक्ट के तीन प्रमुख हिस्से थे। पहले चरण में म्यूजियम बनाया गया। इसमें शहीद भगत सिंह के जीवन के पहलुओं को दिखाया गया है और उनसे जुड़ी वस्तुओं को रखा गया है। दूसरे चरण में लैंड स्केप का काम होना था। इसके तहत म्यूजियम के पीछे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्टेज और दोनों ओर शेड बनाए जाने थे। तीसरे चरण में यहां एक रिसर्च सेंटर बनाया जाना था। यहां पर भगत सिंह के जीवन और आजादी की लड़ाई से संबंधित जानकारियों पर रिसर्च की जानी थी। पहला चरण पूरा होने के बाद यह प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है।
अभी तो पहला चरण हुआ है पूरा : योध सिंह
शहीद भगत सिंह यादगारी स्मारक और म्यूजियम के मैनेजर योध सिंह का कहना है कि प्रोजेक्ट के तीन हिस्से थे। अब तक तो सिर्फ पहला चरण पूरा हुआ है। दूसरे चरण का काम कब शुरू होना है इसकी जानकारी नहीं है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यह आकर्षण का केंद्र बनेगा।
11 महीने पहले गिरी पार्क की दीवार को मरम्मत का इंतजार
शहीद भगत सिंह के पुश्तैनी मकान के बाहर बने पार्क की दीवार 11 महीने पहले गिर गई थी। इसे आज तक ठीक नहीं करवाया जा सका है। यही रवैया रहा तो आने वाले समय में बाकी दीवारें भी गिर जाएंगी। गांव के पूर्व सरपंच सुखविंदर सिंह व त्रिलोचन सिंह ने बताया कि अधिकारियों ने सिर्फ आश्वासन दिया लेकिन ठीक नहीं करवाया।
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