जालंधर नार्थ में एक सप्ताह पहले तक मजबूत दिख रही कांग्रेस बिखरने लगी, भाजपा एकजुट होने की राह पर
जालंधर नार्थ में एक सप्ताह तक कांग्रेस मजबूत नजर आ रही थी लेकिन अब मुकाबला कड़ा है। कांग्रेस के नेता रहे दिनेश ढल्ल अब आप के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के पांच बार के पार्षद देसराज जस्सल बागी होकर अब किसानों की पार्टी के उम्मीदवार बन गए हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। नामांकन से पहले ही जालंधर नार्थ विधानसभा हलके में कांग्रेस बिखरने लगी है तो भाजपा एकजुट होने की राह पर चल पड़ी है। नार्थ हलके में कांग्रेस के उम्मीदवार मौजूदा विधायक बावा हैनरी के खिलाफ अपनी ही पार्टी के दो बड़े नेता देसराज जस्सल और दिनेश ढल्ल मैदान में आ गए हैं। कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने भी हैनरी परिवार पर हमला बोला है। कांग्रेस के लिए नार्थ हलके में इन तीन कारणों से मुश्किल खड़ी हो गई है। वहीं भाजपा से उम्मीदवार घोषित होते ही केडी भंडारी ने रुठों को मनाने की राह पकड़ ली है। उन्होंने एक दिन में राकेश राठौर, पूर्व मेयर सुनील ज्योति, नवल कंबोज समेत कई नेताओं को साथ लाने में सफलता हासिल कर ली है।
एक सप्ताह तक कांग्रेस मजबूत नजर आ रही थी, लेकिन अब मुकाबला कड़ा हो चला है। कांग्रेस के नेता रहे दिनेश ढल्ल अब नार्थ हलके से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। वहीं कांग्रेस के पांच बार के पार्षद देसराज जस्सल पार्टी से बागी होकर अब किसानों की पार्टी के उम्मीदवार बन गए हैं। यह दोनों ही कांग्रेस के वोट तोड़ेंगे।
राणा गुरजीत सिंह ने नार्थ हलके को बताया नशा बिक्री का केंद्र
कांग्रेस के दिग्गज नेता राणा गुरजीत सिंह ने नार्थ हलके को नशा बिक्री का जनक बताया है। पूर्व मंत्री अवतार हैनरी से 36 का आंकड़ा रखने वाले राणा ने कहा कि पंजाब में नशे की बिक्री का पहला केंद्र नार्थ हलका ही बना। यहां पर काजी मंडी नशे का गढ़ बनी और सैकड़ों युवाओं की मौत का कारण भी बनी। राणा ने कहा कि नशा फैलने के लिए नार्थ हलका ही पूरे पंजाब में जवाबदेह है। इसे रोकने की कोशिश भी नहीं की गई।
भंडारी ने राठौर, ज्योति व कंबोज समेत कई नेता मनाए
नार्थ हलके के भाजपा उम्मीदवार केडी भंडारी ने नाराज और टिकट के अन्य दावेदारों को मनाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने सबसे पहले पंजाब भाजपा के उप्रधान राकेश राठौर से मुलाकात की। राठौर टिकट के सबसे बड़े दावेदार थे। राठौर और उनकी टीम ने भंडारी को सहयोग का वादा किया। भंडारी ने पूर्व मेयर सुनील ज्योति से मिल कर उनका सहयोग मांगा है। भंडारी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पूर्व पार्षद गोपाल दास पेठे वाले से भी मुलाकात में नाराजगी दूर की गई। इसके अलावा पूर्व जिला प्रधान नवल किशोर कंबोज के साथ भी उन्होंने मीटिंग की और उनके बेटे हनी कंबोज से भी मौजूदा राजनीति हालात पर चर्चा की। केडी भंडारी ने पूर्व पार्षद मिंटा कोछड़ से मिलकर उनका भी सहयोग मांगा।
भंडारी के पक्ष में पार्टी नेताओं को साथ ले जाने में जिला भाजपा प्रधान सुशील शर्मा ने अहम भूमिका निभाई है। वह सभी मीटिंग में शामिल रहे और नाराजगी दूर करने की जमीन तैयार की।