पावरकाम मैनेजमेंट व स्टाफ के बीच मांगों को लेकर चल रहा संघर्ष खत्म, जालंधर में बिल जमा करवाने में जुटे उपभोक्ता
पावरकाम मैनेजमेंट व पीएसईबी ज्वाइंट फोरम के बीच मांगों को लेकर चल रहा संघर्ष खत्म हो चुका है। उपभोक्ता की दो दिसंबर व किसी की तीस नवंबर बिल जमा करवाने की अंतिम तिथि है। उपभोक्ता जुर्माने से बचने के लिए बिल जमा करवाने के लिए कतारों में लग रहे हैं।
कमल किशोर, जालंधर। पावरकाम मैनेजमेंट व पीएसईबी ज्वाइंट फोरम के बीच मांगों को लेकर चल रहा संघर्ष खत्म हो चुका है। कई उपभोक्ता की दो दिसंबर व किसी की तीस नवंबर बिल जमा करवाने की अंतिम तिथि है। उपभोक्ता जुर्माने से बचने के लिए बिल जमा करवाने के लिए कतारों में लग रहे है। कैश काउंटर उपभोक्ता की भीड़ देखी जा सकती है। पावरकाम पहले ही कह चुका है कि अंतिम तिथि के बाद बिल जमा करवाने वाले उपभोक्ता को दो प्रतिशत जुर्माना दिया जाएगा। फिलहाल उपभोक्ता बिल करवाने के लिए लंबी लाइनों में लगे हुए है। यूनियन के प्रधान बलविंदर सिंह राणा ने कहा कि कैश काउंटर खुल चुके हैं उपभोक्ता बिल जमा करवा सकते हैं।
बीते सोमवार को कैश काउंटर में थी उपभोक्ताओं की भीड़
सोमवार को जालंधर सर्किल की पांच डिवीजन खुली रही। स्टाफ अपनी सीट पर मौजूद था। उपभोक्ता को पेश आना वाली समस्याओं का हल कर रहा था। कैश काउंटर पर उपभोक्ता की लंबी कतारें देखी जा सकती की। बिल की अंतिम तिथि नजदीक होने की वजह से उपभोक्ता लाइनों में लगकर बिल जमा करवाने में जुटे हुए थे। माडल हाउस की सब डिवीजन में उपभोक्ता बिल जमा करवा रहे थे। पावरकाम पहले ही कह चुका था कि अंतिम तिथि के बाद जमा होने वाले बिल पर दो प्रतिशत जुर्माना लगेगा। कई उपभोक्ता की आखिरी तिथि तीस नवंबर व दो दिसंबर भी है। वह उपभोक्ता बिल जमा करवा रहे थे।
लाइन में खड़े प्रीतम सिंह, रेशम सिंह व ओंकार सिंह ने कहा कि कैश काउंटर खुलने से बड़ी राहत मिली है। बिल समय पर जमा होगा। जुर्माना नहीं लगेगा। नया मीटर अप्लाई करने वाले उपभोक्ता भी पहुंचे है। ज्वाइंट फोरम जालंधर सर्किल के प्रधान बलविंदर राणा ने कहा कि मांगों का हल निकलने के बाद स्टाफ काम पर वापिस लौट आया है। उपभोक्ता कैश काउंटर में आकर बिल जमा करवा सकते है। सप्ताह से अधिक समय पर चले संघर्ष से पावरकाम को करोड़ों रूपए का वित्तीय नुकसान के साथ-साथ उपभोक्ता को परेशानी का सामना करना पड़ा।
इन मांगों को लेकर हड़ताल पर गए थे स्टाफ
-पे बैंड स्केल लागू किया जाए
-पे-स्केल का बनता एरियर जारी किया जाए
-डीए की किश्तों का बकाया एरियर
-नए स्केल के मुताबिक डीए की किश्त जारी