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सॉफ्टवेयर हुआ ठीक, पराली न जलाने वाले किसानों के मुआवजा मिलने प्रक्रिया शुरू Jalandhar News

भारती किसान यूनियन के प्रधान जसवीर सिंह लिट्टा का कहना है कि सरकार ने पराली न जलाने वालों को मुआवजा देने की घोषणा की है लेकिन अभी तक किसी को इसका लाभ नहीं मिला है।

By Vikas KumarEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 09:22 AM (IST)
सॉफ्टवेयर हुआ ठीक, पराली न जलाने वाले किसानों के मुआवजा मिलने प्रक्रिया शुरू Jalandhar News
सॉफ्टवेयर हुआ ठीक, पराली न जलाने वाले किसानों के मुआवजा मिलने प्रक्रिया शुरू Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। सरकार द्वारा पराली न जलाने वाले किसानों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा के बाद काफी किसानों ने इसके लिए अप्लाई किया था। हालांकि सॉफ्टवेयर में तकनीकी खराबी के चलते इसका लाभ अभी किसानों तक नहीं मिल पाया है। सॉफ्टवेयर की तकनीकी खराबी दूर होने के बाद वीरवार को मुआवजा मिलने प्रक्रिया शुरू होने से किसानों को राहत मिली है।

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कागजी कार्रवाई लंबी होने से किसानों में रोष

भारती किसान यूनियन के प्रधान जसवीर सिंह लिट्टा का कहना है कि सरकार ने पराली न जलाने वालों को मुआवजा देने की घोषणा की है, लेकिन अभी तक किसी को इसका लाभ नहीं मिला है। किसान गेंहू की बिजाई के लिए तैयार है। सरकार समय पर पैसा देती है तो उसका काफी हद तक कर्जा लेने से बचाव हो सकता है। मुआवजा देने को लेकर कागजी कार्रवाई लंबी होने व सिस्टम में खराबी को लेकर किसानों में रोष है।

दूसरे जिलों के मुकाबले जालंधर में पराली जलने के मामले कम

जिला कोऑपरेटिव सोसायटी के पदाधिकारी सुक्खा सिंह ने कहा कि तकनीकी खराबी की वजह से वजह से पिछले करीब एक सप्ताह से प्रक्रिया बंद है। सॉफ्टवेयर में तकनीकी फॉल्ट चंडीगढ़ स्तर से था, जिसे ठीक कर दिया गया है। कृषि अधिकारी डॉ. नरेश गुलाटी का कहना है कि दूसरे जिलों के मुकाबले जालंधर में पराली जलने के मामले कम आए है। 93 ऐसे गांव थे, जहां किसी ने भी पराली नहीं जलाई। सरकार की ओर से पराली संभालने के खर्च के एवज में 2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा।

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