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मां की जिम्मेदारी के साथ लोगों की सुरक्षा की कमानं

एक साल से ज्यादा समय से कोरोना काल में तमाम अपराधियों पर नकेल कसने के साथ-साथ लंबी ड्यूटी और अब उसके साथ कोरोना प्रोटोकाल की ड्यूटी निभा रही हैं एसएचओ प्रवीन। रोजाना 14 से 18 घटे की ड्यूटी और साथ ही परिवार तथा बच्चों का ख्याल रखने के साथ शहरवासियों का भी ख्याल रखने में जुटी इस महिला पुलिस अधिकारी ने लंबे समय से न तो छुट्टी ली और न ही अपने काम से समझौता किया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 07:30 AM (IST)
मां की जिम्मेदारी के साथ लोगों की सुरक्षा की कमानं
मां की जिम्मेदारी के साथ लोगों की सुरक्षा की कमानं

प्रियंका सिंह, जालंधर

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एक साल से ज्यादा समय से कोरोना काल में तमाम अपराधियों पर नकेल कसने के साथ-साथ लंबी ड्यूटी और अब उसके साथ कोरोना प्रोटोकाल की ड्यूटी निभा रही हैं एसएचओ प्रवीन। रोजाना 14 से 18 घटे की ड्यूटी और साथ ही परिवार तथा बच्चों का ख्याल रखने के साथ शहरवासियों का भी ख्याल रखने में जुटी इस महिला पुलिस अधिकारी ने लंबे समय से न तो छुट्टी ली और न ही अपने काम से समझौता किया।

शहर में जब-जब कोरोना को लेकर पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए सख्ती की तो मौके पर पुरुष पुलिस कíमयों के साथ-साथ महिला पुलिस कíमयों की भी तैनाती की गई। एक मा और उसके ऊपर से लंबी ड्यूटी निभाने का फर्ज साथ में कोरोना महामारी से लोगों की जान बचाने की जिम्मेवारी। इनमें से कुछ भी ऐसे नहीं था जिसे नजरअंदाज किया जा सके। कोरोना काल में अलग रूप से जिम्मेदारी

प्रवीन बताती हैं पहला मौका था जब पुलिस को एक अलग रूप में काम करना था। लोगों को तकलीफ से भी बचाना था और उन्हें जागरूक भी करना था। खुद को भी बचाना था और परिवार को भी। बतौर महिला थाना एसएचओ मैंने और मेरी टीम ने पुलिस कमिश्नर की हिदायतों का पालन किया और संकटकाल में आगे आकर काम किया और अब तक कर रही हैं।

पारिवारिक जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी के प्रति लगन

लाकडाउन के दौरान फील्ड में जब इनकी ड्यूटी लगती तो लोगों को बड़े ही प्यार से समझा कर संक्रमण के प्रति जागरूक करती और उन्हें घर रहने के लिए ही आग्रह करतीं। हालाकि इनके भी छोटे-छोटे बच्चे हैं जिन्हें मा की जरूरत है लेकिन फिर भी परवीन अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटी। बच्चे बहुत बार कहते हैं कि मा ड्यूटी पर मत जाओ छुट्टी कर हमारे पास ही बैठो, लेकिन मा है उसके लिए जैसे अपने बच्चे हैं वैसे ही शहरवासी हैं।

संजीदगी से सुनती हैं शिकायतकर्ताओं की बातें

आज भी महिला थाना में जो भी शिकायत लेकर आ रहे हैं उनकी हर बात को बड़ी संजीदगी से सुनती हैं और उसका निपटारा कर रही हैं। उनके पास जो भी अपनी समस्या लेकर आते हैं उनसे यह यही विनती करती है कि कोरोना का दौर चल रहा है ऐसे में मास्क पहनकर रखें और शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखें। अगर थाने में शिकायत लेकर आना है तो केवल लड़की और उसके माता पिता ही आए।


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