हाइड्रो टेस्ट में गुम हुई शहर में सीएनजी उपलब्ध होने की मांग, इंडियन आयल और जिला प्रशासन भी कर चुके हैं हस्तक्षेप
यूनाइटेड ऑटो रिक्शा ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष रवि सभ्रवाल एवं महासचिव अनिल ठाकुर ने कहा कि सीएनजी चालित थ्री व्हीलर खरीदने को प्रेरित करने के बाद अब कोई बात नहीं पूछ रहा है। थ्री व्हीलर चालक दिवालिया हो गए हैं और उनके घरों का खाना नहीं चल रहा है।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। तीन वर्ष के बाद कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) चालित वाहन की हाइड्रो टेस्ट पास होने की अनिवार्यता ने महानगर में सीएनजी उपलब्ध कराने की मांग को ही पीछे धकेल डाला है। महानगर में जून 2020 में सीएनजी की सप्लाई ठप पड़ी हुई है, जिसे शुरू कराने को लेकर जिला प्रशासन समेत इंडियन ऑयल भी हस्तक्षेप कर चुका है। बावजूद इसके महानगर के भीतर सीएनजी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। 3 वर्ष पुराने थ्री व्हीलर चलाने वाले चालक इस समय हाइड्रो टेस्ट कराने के लिए कभी हरियाणा तो कभी चंडीगढ़ तक पहुंच कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें सीएनजी पंप संचालकों की तरफ से बिना हाइड्रो टेस्ट पास सर्टिफिकेट के सीएनजी देने से ही मना कर दिया गया है।
महानगर में निर्विघ्न सीएनजी सप्लाई की विस्तृत योजना तैयार की गई थी। जो अमलीजामा पहन ही नहीं सकी है। पूरे शहर में सीएनजी सप्लाई के लिए भूमिगत पाइप लाइन बिछाए जाने का भी प्रावधान था, जिससे सीधे सीएनजी पंपों को सप्लाई दी जानी थी, लेकिन तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तरफ से यह निजी कंपनी जय मधोक को जिम्मेदारी प्रदान की गई थी। वह कंपनी काम छोड़ चुकी है और उसकी जगह पर कोई भी नहीं कंपनी अभी तक नहीं पहुंची है। यूनाइटेड ऑटो रिक्शा ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष रवि सभ्रवाल एवं महासचिव अनिल ठाकुर ने कहा कि सीएनजी चालित थ्री व्हीलर खरीदने को प्रेरित करने के बाद अब कोई बात नहीं पूछ रहा है। थ्री व्हीलर चालक दिवालिया हो गए हैं और उनके घरों का खाना नहीं चल रहा है।