Corona Effect : जालंधर में पहली बार बच्चाें ने अनूठे तरीके से रावण के गुब्बारों से बनाया दशहरा
दशहरा का पर्व मनाने के लिए कई बच्चों ने अपने अपने स्तर पर छोटे-छोटे रावण बनवाए तो वही कई बच्चों ने गुब्बारे के रावण भी घर में बनाने शुरू कर दिए। लगभग 20 रुपये के गुब्बारे खरीद कर बच्चे उसे रावण के रूप में तैयार कर दशहरा पर्व मनायेंगे।
जालंधर, जेएनएन। कोरोना के चलते इस बार ज्यादातर रामलीला कमेटियों ने रावण दहन पर रोक लगा दी है। जिस वजह से दशहरा पर्व मनाने के लिए रामलीला कमेटियों की तरफ से कोई प्रोग्राम आयोजित नहीं किया गया। शहर में तमाम स्थानों पर होने वाले रावण दहन के कार्यक्रम भी संक्रमण के कारण रद कर दिए गए हैं । लेकिन इसके बावजूद बच्चों में दशहरे को लेकर उत्साह कम नहीं हुआ। वह इस बार के दशहरे को एक अलग ही रूप में मना रहे हैं।
दशहरा का पर्व मनाने के लिए कई बच्चों ने अपने अपने स्तर पर छोटे-छोटे रावण बनवाए, तो वही कई बच्चों ने गुब्बारे के रावण भी घर में बनाने शुरू कर दिए। लगभग 20 से 30 रुपये के गुब्बारे खरीद कर बच्चे उसे रावण के रूप में तैयार कर दशहरा पर्व मनायेंगे। रावण को जलाने की बजाए उससे फोड़ा जाएगा।
गुब्बारे के अलावा कई बच्चों ने टेबलेट एवं रबड़ के रावण कुंभकरण और मेघनाथ के छोटे-छोटे पुतले बनाएं। बच्चों का कहना है कि इससे किसी प्रकार का कोई प्रदूषण भी नहीं होगा। बड़े बड़े रावण जलाने से वातावरण प्रदूषित होता था लेकिन इस बार हमारा पर्यावरण काफी हद तक स्वच्छ और सुरक्षित रहेगा।
हमारा पर्यावरण प्रदूषित नहीं होगा
रुही - स्कूल में हमें अध्यापकों के द्वारा सिखाया जाता है कि अपने वातावरण को प्रदूषित होने से कैसे बचाना है। जब रावण को जलाया जाता है तो उसमें से पटाखों की आवाजें आती हैं जिससे जानवर और पक्षी डर जाते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। प्रदूषण ना फैले इसलिए हमने इस बार अपने घर में गुब्बारों से रावण बनाया और दशहरा सेलिब्रेट किया।
गुब्बारे वाले रावण से डर नहीं लगा
रुहान- पहले मैं अपने मम्मी पापा के साथ जब रावण देखने जाता था तो देख कर डर जाता था। लेकिन इस बार गुब्बारे वाले रावण से डर नहीं लगा। बड़े रावण जब जलाए जाते हैं उससे बहुत धुआं निकलता है जिससे वातावरण गंदा होता है। इस बार हमारा वातावरण साफ रहेगा।