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Parents Alert! ऑनलाइन स्टडी से कमजोर रहीं बच्चों की आंखें, Digital Eye Syndrome का खतरा तीन गुणा बढ़ा

आनलाइन कक्षाओं से अब बच्चों की आंखों पर गहरा असर पड़ रहा है। लगातार मोबाइल फोन पर नजर टिकाए रहने वाले बच्चों की आंखों पर असर होने के साथ-साथ सिर दर्द की शिकायत भी आ रही हैं ।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 10:58 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 01:03 PM (IST)
Parents Alert! ऑनलाइन स्टडी से कमजोर रहीं बच्चों की आंखें, Digital Eye Syndrome का खतरा तीन गुणा बढ़ा
बच्चों की आंखों में ड्राइनेस व रोशनी कम होने की शिकायत सामने आ रही है।

गुरदासपुर, [बाल कृष्ण कालिया]। आनलाइन कक्षाओं से अब बच्चों की आंखों पर गहरा असर पड़ रहा है। लगातार मोबाइल फोन पर नजर टिकाए रहने वाले बच्चों की आंखों पर असर होने के साथ-साथ सिर दर्द की शिकायत भी आ रही हैं। ऐसे कई मामले सिविल अस्पताल व निजी अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. राजन अरोड़ा के मुताबिक बच्चों की आंखों में ड्राइनेस व रोशनी कम होने की शिकायत सामने आ रही हैं। इसके चलते बच्चों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी बच्चों की तरफ विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि बच्चों की आंखों पर मोबाइल की तेज रोशनी का बुरा प्रभाव न पड़े। हर दो महीने बाद बच्चों की आंखों की जांच करवाने से व तंदुरुस्त रह सकते हैं।

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आनलाइन पढ़ाई बनी बच्चों के लिए मुसीबत

कोविड काल में आनलाइन पढ़ाई बच्चों के लिए मुसीबत का सबब बनी हुई है। अरोड़ा अस्पताल के एमडी राजन अरोड़ा ने बताया कि मोबाइल, टेबलेट, लैपटाप की स्क्रीन देखने के चलते बच्चों की आंखें सूखने लगी है। यानी आनलाइन पढ़ाई बच्चों की आंखों की रोशनी के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। कोरोना की पहली लहर की तुलना में इस साल स्थित ज्यादा चिंताजनक है। दूसरी लहर के दौरान बच्चों और किशोरों में डिजिटल आई सिंड्रोम बीमारी का खतरा दो से तीन गुना तक बढ़ गया है।

आनलाइन पढ़ाई और गेम से धुंधला हो रहा विजन

सिविल के डाक्टर जीएन सिंह आनलाइन पढ़ाई से मासूमों की आंखें जल्दी थक रही है। मोबाइल पर गेम खेलना भी बच्चों के लिए मुसीबत बन रहा है। रिपोर्ट की मानें तो मोबाइल गेम से दो से 15 साल तक के कई बच्चों के चश्मे का नंबर बढ़ गया है। उनकी आंखों से पानी आना और खुजली तो सामान्य है। पढ़ाई के दौरान जलन के साथ धुंधलापन अच्छे संकेत नहीं है। टेस्ट के बाद बच्चों और किशोरों में धुंधला विजन सामने आने पर डाक्टरों ने इसे खतरे की घंटी माना है।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कह सकते है : डा. राजन

डा. राजन ने बताया कि कंप्यूटर टेबलेट इ-रीडर और स्मार्टफोन के बच्चों द्वारा उपयोग करने से आंखों में चिकनाई खत्म होने लगती है। इसके बाद सिर दर्द आंखों में सूखापन पानी का बार बार निकलना गर्दन पीठ और कंधे में दर्द होने लगता है। इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहते हैं।

कैसे हो सकता है बचाव

डा. राजन अरोड़ा ने बताया, कंप्यूटर स्क्रीन पर एंटी ग्लेयर शीट लगाए या आप खुद एंटी ग्लेयर चश्मे का इस्तेमाल करें। कंप्यूटर या मोबाइल के स्क्रीन को आंखों के लेवल से 20 डिग्री नीचे रखें। हर दो घंटे के बाद 15 मिनट के लिए आंखों को आराम दे, 20 मिनट के बाद 20 सेकंड का ब्रेक ले। इससे फायदा मिलेगा।


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