Chandra Grahan 2022 : साल का पहला चंद्र ग्रहण सम्पन्न, भारत में नहीं दिखा विशेष असर
वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण आज लगा। भारतीय समय के मुताबिक दिन के समय में चंद्र ग्रहण लगा होने के कारण इसका कोई असर नहीं पड़ा है। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक सोमवार को सुबह 8.58 से लेकर 10.23 तक रहा है।
जालंधर [शाम सहगल]। वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार को लगा है। लेकिन भारतीय समय के मुताबिक दिन के समय में चंद्र ग्रहण लगा होने के चलते यहां पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है। यहीं कारण है कि भारत में चंद्र ग्रहण को लेकर सूतक नियमों की पालना करना भी अनिवार्य नहीं है। जिसके चलते देश भर में चंद्र ग्रहण काल के दौरान भी धार्मिक स्थान रहे।
दरअसल, वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन सोमवार को चंद्र ग्रहण लगा है। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक सोमवार को सुबह 8.58 से लेकर 10.23 तक रहा है। जिसके चलते देश में इसका असर नहीं पड़ा।दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में ही केवल इस ग्रहण का असर पड़ा है। लिहाजा, ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण वाले दिन अतिरिक्त एहतियात जरूर बरतना चाहिए। जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़े।
आठ दशक बाद बना संयोग
भले ही चंद्र ग्रहण का देश में कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन ग्रहण नक्षत्रों का ऐसा संजो आठ दशक बाद बना है। इस बारे में प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित भोलानाथ त्रिवेदी बताते हैं कि सोमवार को वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, विशाखा नक्षत्र तथा वृश्चिक राशि में लगे चंद्र ग्रहण का यह संयोग आठ दशक के बाद बना है। उन्होंने कहा कि भारतीय समय मुताबिक सुबह के समय चंद्र ग्रहण लगा होने के चलते इसमें सूतक काल के नियमों की पालना करना जरूरी नहीं है।
गर्भवती महिलाएं करें परहेज
पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि भले ही ग्रहण का असर देश पर ना पड़ा हो लेकिन समूचे ब्रह्मांड में वायुमंडल में ग्रहण होने का असर गर्भवती महिलाओं पर पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें ग्रहण काल के दौरान घर पर ही रहना चाहिए। इस दौरान सोने से परहेज करते हुए प्रभु का स्मरण करना लाभकारी है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल के दौरान अपने घर में गाय के गोबर के साथ-साथ बनाना चाहिए।
खुले रहेंगे मंदिरों के कपाट
सोमवार को लगे चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिरों के कपाट खुले रहे। कारण चंद्र ग्रहण के दिन के समय में होने के चलते असर नहीं पड़ा। इस बारे में सिद्ध शक्ति पीठ श्री देवी तालाब मंदिर के महासचिव राजेश विज ने बताया कि मंदिर के पुरोहितों के मुताबिक चंद्रग्रहण का देश में असर नहीं पड़ेगा। जिसके चलते मंदिरों के कपाट खुले रखे गए हैं। लिहाजा चंद्रग्रहण के उपरांत सभी प्रतिमाओं पर गंगाजल का छिड़काव करने के उपरांत पूजा अर्चना की गई है।