सीबीएसई के आदेश, स्कूल में विद्यार्थियों की सुरक्षा का जिम्मा स्कूलों का
सीबीएसई की तरफ से एक बार फिर से स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बिल्डिग-फायर सेफ्टी का ध्यान रखने को कहा गया है।
अंकित शर्मा, जालंधर : सीबीएसई की तरफ से एक बार फिर से स्कूलों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बिल्डिग-फायर सेफ्टी का ध्यान रखने को कहा गया है। सभी स्कूलों को सुरक्षा यंत्रों और बिल्डिग सेफ्टी से जुड़े सभी सर्टिफिकेट भी अपडेट करवा कर बोर्ड के आनलाइन पोर्टल आनलाइन एफिलिएटेड स्कूल्स इन्फार्मेशन सिस्टम (ओएएसआइएस) पर अपलोड करने होंगे। यही नहीं स्कूलों को एनसीपीसीआर की गाइडलाइंस के साथ नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी की तरफ से स्कूल सेफ्टी प्रोजेक्ट के तहत नियमों का पालन करने के आदेश दिए हैं। यह भी साफ किया है कि विद्यार्थियों की स्कूल समय में सुरक्षा का जिम्मा स्कूलों का होगा। स्कूल बस और किसी भी अन्य ट्रांसपोर्टेशन सेवा के दौरान भी स्कूलों की ही जिम्मेदारी बनती है। इसे समय-समय पर चेक करते रहना होगा और कोई कमी दिखे तो उसे भी दुरुस्त करवाना होगा।
सीबीएसई की तरफ से नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी के स्कूल सेफ्टी प्रोजेक्ट के नियमों पर भी फिर से ध्यान दिलाया गया है। इसमें कहा गया है कि स्कूल बिल्डिग के अंदर रखा सामान उदाहरण के तौर पर बुक शेल्फ, स्टोरेज कैबिनेट, अलमारी, ब्लैक बोर्ड, कम्प्यूटर, कूलर, पानी की टैंक, एसी, शेल्फ आदि सही तरीके से रखें, ताकि किसी भी आपदा होने पर वे किसी को नुकसान न पहुंचाएं। प्लेवे स्कूलों को भी नियमों का ध्यान रखना होगा
छोटे बच्चों के लिए बनाए गए प्लेवे स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर नियमों का ध्यान रखना होगा। महिला व बाल विकास मंत्रालय की तरफ से बनाए गए नियम के अनुसार स्कूल में खेलने के लिए स्थान, हर तीन महीने बाद बच्चों के स्वास्थ्य की जांच भी क्वालिफाइड मेडिकल प्रैक्टिशनर से होनी चाहिए।