सीबीएसई की 12वीं और JEE एग्जाम की तिथियां क्लैश, स्टूडेंट्स के लिए बड़ी मुश्किल
इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट यानी कि ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेईई) की परीक्षाएं भी 24 से 28 मई के बीच होनी हैं। जिस दिन जेईई का पहला पेपर है उसी दिन 12वीं की बोयालाजी की परीक्षा है।
जालंधर [अंकित शर्मा]। सीबीएसई की 12वीं की कक्षाएं 4 मई से शुरू हो रही परीक्षाएं 11 जून तक चलेंगी। इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए एंट्रेंस टेस्ट यानी कि ज्वाइंट एंट्रेंस टेस्ट (जेईई) की परीक्षाएं भी 24 से 28 मई के बीच होनी हैं। जिस दिन जेईई का पहला पेपर है, उसी दिन 12वीं की बोयालाजी की परीक्षा है। 29 मई को कंप्यूटर साइंस की परीक्षा है। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए दोनों परीक्षाओं में बैठ पाना मुश्किल होगा। जेईई मेंस की परीक्षा के लिए विद्यार्थियों को दूसरे जिलों में भी बने परीक्षा केंद्रों पर जाना पड़ता है। ऐसे में यह प्रबंध विद्यार्थियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। एक ही दिन में दो या परीक्षा के अगले दिन दूसरी परीक्षा देना उनके लिए संभव नहीं हो पाएगा। इसलिए विद्यार्थियों की मांग है कि परीक्षाओं की तिथियों को आगे बढ़ाया जाए।
इंजीनियरिंग करने वालों के लिए जेईई मेंस की परीक्षा क्रैक करनी बेहद जरूरी रहता है। ऐसे में सीबीएसई और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को विद्यार्थियों के भविष्य के मद्देनजर परीक्षाओं में तारीखों के बदलाव संबंधी जल्द फैसला लेना होगा ताकि उन्हें नई तारीखें पता लगने की वजह से राहत मिले और वे अच्छे से अपने विषय और जेईई की तैयारी कर सकें। अगर तिथियों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होता तो उन्हें मार्च के लिए फिर से आवेदन करना होगा।
पहली बार जेईई मेंस की परीक्षा चार बार
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरफ से वर्ष 2021 में पहली बार जेईई मेंस की परीक्षा चार बार कंडक्ट की जाएगी। जिसमें यह परीक्षा फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में होंगी। जिसके तहत विद्यार्थी चाहे तो चार सेशन में परीक्षा के लिए बैठ सकते हैं और चाहे तो एक ही बार में। इसमें जिस सेशन के सबसे अधिक अंक रहेगा, विद्यार्थी के वही अंक मान्य होंगे। एनटीए की तरफ से विद्यार्थियों की सुविधा और कंपीटिशन लेवल को आसान करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है ताकि एक ही बैच में विद्यार्थियों की ज्यादा संख्या न रहे। इसके अलावा अगर कोई विद्यार्थी शुरुआती सेशन में परीक्षा नहीं दे पाया तो अपनी सुविधा के अनुसार सेशन दे सके। इससे उनकी पढ़ाई का साल भी बर्बाद नहीं होगा।