100 से ज्यादा सवारियां ले जाने वाले बस के ड्राइवर व कंडक्टर पर केस दर्ज
बुधवार रात 100 से अधिक सवारियों को एक बस में बिठाकर ले जा रही बिहार ले जा रहे बस के ड्राइवर व कंडक्टर पर कैंट थाने की पुलिस ने धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : बुधवार रात 100 से अधिक सवारियों को एक बस में बिठाकर ले जा रही बिहार ले जा रहे बस के ड्राइवर व कंडक्टर पर कैंट थाने की पुलिस ने धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बस को अपने कब्जे में भी ले लिया गया। थाना प्रभारी अजायब सिंह ने बताया कि बुधवार देर रात उन्हें सूचना मिली थी कि एक बस में तय संख्या से ज्यादा सवारियां बैठाकर उन्हें बिहार ले जाया जा रहा है। बस को अपने कब्जे में लेते हुए बस के चालक राकेश कुमार और कंडक्टर चंदन कुमार निवासी रेवाड़ी हरियाणा के खिलाफ धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है।
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इधर बवाल के बावजूद बसों का अवैध परिचालन जारी
जालंधर : पीएपी चौक में बुधवार रात अवैध बसों के संचालन को लेकर मचे बवाल के बावजूद वीरवार को भी श्रमिकों को लेकर अवैध बसों का परिचालन जारी रहा। जालंधर के बस टर्मिनल के ठीक सामने फ्लाईओवर के नीचे इन अवैध बसों के लिए बुकिग कार्यालय भी खुल गए जहां से बसें रवाना हुई।
खास बात ये रही कि अवैध बस संचालन में कमी होने के बजाय उसमें बढ़ोतरी हो गई है। पंजाब नंबर के रजिस्ट्रेशन वाली कुछ पंजाब की निजी बस कंपनियों की बसों को भी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व बिहार के लिए रवाना किया गया। ट्रैफिक पुलिस ठीक इसी जगह पर दिनभर तैनात रही, लेकिन सरेआम एक-एक यात्री की बुकिग की गई और दोपहर से लेकर देर शाम तक बसों को गंतव्य के लिए रवाना किया गया।
इन अवैध बसों में कोरोना वायरस संक्रमण रोकने को लेकर बरती जा रही लापरवाही का मामला मीडिया में उजागर होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वीरवार को भी रवाना हुई बसों में बेहद कम संख्या में यात्रियों ने मास्क पहने थे। बस का स्टाफ भी बिना मास्क के ही नजर आया। शारीरिक दूरी कहीं नहीं दिखी।
बुधवार को पीएपी चौक में यात्रियों से भरी बसों को रोककर भारी हंगामा हुआ था, जिसके बाद एक बस को थाने भी ले जाया गया था। इस बारे में सचिव, रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) बरजिदर सिंह से बार-बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका मोबाइल नंबर स्विच आफ मिला। पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने बताया कि ऐसी बसों के खिलाफ परिवहन विभाग को ही कार्रवाई करनी है।