नक्शा, एनओसी पास करने का अधिकार कमिश्नर के हाथ में देने पर बिल्डिंग कमेटी को एतराज
नगर निगम की टाउन प्लानिंग एंड बिल्डिंग एडहाक कमेटी ने नक्शा और एनओसी पास करने की प्रक्रिया का फाइनल अधिकार कमिश्नर को देने पर सवाल उठाया है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम की टाउन प्लानिंग एंड बिल्डिंग एडहाक कमेटी ने नक्शा और एनओसी पास करने की प्रक्रिया का फाइनल अधिकार कमिश्नर को देने पर सवाल उठाया है। कमेटी मेंबरों की मीटिग में यह मुद्दा गरम रहा कि नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट और नक्शा पास करने का काम कमिश्नर के जिम्मे में दे रखा है और अगर सभी काम कमिश्नर खुद देखेंगे तो समय पर काम होना संभव नहीं है। चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा, मेंबर्स सुशील कालिया, डॉली सैनी, परमजीत सिंह रेरु, लखबीर सिंह बाजवा के साथ हुई चर्चा में यह मुद्दा रखा गया। निम्मा ने कहा कि नक्शा और एनओसी पास करने की पावर एटीपी तक ही होनी चाहिए। चेयरमैन ने कहा कि यह प्रक्रिया सरल की जानी चाहिए और एटीपी लेवल तक ही एनओसी और नक्शा पास होने से लोगों को राहत मिलेगी। चेयरमैन ने कहा कि सभी मुद्दों को लेकर सोमवार को कमेटी की मीटिग बुलाई गई है। अब तक कमेटी में पास किसी भी प्रस्ताव पर अफसरों के अमल ना करने के सवाल पर चेयरमैन ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। जो अफसर कमेटी के निर्देशों पर अमल नहीं करेगा उसके खिलाफ अब कार्रवाई होगी। बिल्डिंग एडहाक कमेटी पिछले डेढ़ साल में कई मीटिग करके अवैध कालोनियों और इमारतों का मुद्दा उठा चुके हैं। अवैध कॉलोनियों की लिस्ट भी दी गई है लेकिन एक बार भी एक्शन नहीं हुआ है।
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निगम से नए आर्किटेक्ट्स जोड़ेंगे, लिस्ट सार्वजनिक करेंगे
मीटिग में इस बात पर भी चर्चा की गई की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारी चुनिदा आर्किटेक्ट के आवेदन वाले ही नक्शा और एनएससी को क्लियर करते हैं। इस कारण से लोगों को प्रभावित होना पड़ता है क्योंकि जो आर्किटेक्ट बिल्डिंग ब्रांच के चहेते नहीं है उनके आवेदनों में बार-बार आब्जेक्शन लगाया जाता है। चेयरमैन ने कहा कि इसलिए जरूरी है कि आर्किटेक्ट्स की गिनती बढ़ाई जाए और इसे पब्लिक में सार्वजनिक किया जाए ताकि लोग अपनी मर्जी से आर्किटेक्ट तय करके नक्शा और एनओसी के लिए आवेदन कर सकें। उन्होंने कहा कि कमेटी को शिकायतें मिली है कि अफसरों की मर्जी से आर्किटेक्स तय न करने पर आवेदक को परेशान किया जाता है। इसी तरह के एक केस में सीएलयू फीस पहले कम बनाई गई और 5 साल बाद दोबारा मांगी जा रही है। अब नई फाइल क्लियर नहीं की जा रही क्योंकि आवेदक ने बिल्डिंग ब्रांच के सुझाए आर्किटेक्ट से काम नहीं करवाया।
------ फीस लेकर अवैध कालोनियों को तुरंत एनओसी देने का प्रस्ताव
कमेटी मेंबरों ने यह भी तय किया है कि अवैध कालोनियों को मंजूर करने की प्रक्रिया सरल की जाएगी। चेयरमैन निर्मल सिंह निम्मा ने कहा कि जिन अवैध कालोनियों से 10 प्रतिशत फीस आई हैं उन्हें रेगुलर करने के लिए मेयर की इजाजत से कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी कालोनी को मंजूर करने का पूरा प्रोसेस करेगी। इससे निगम को कालोनियों से फीस मिलेगी। कालोनाइजर को कालोनी की एनओसी भी तुरंत जारी की जाएगी। बिल्डिंग ब्रांच अभी एनओसी जारी करने से बच रही है। जब बहुमंजिला इमारतों को एफिडेविट लेकर काम करने की इजाजत दी जा सकती है तो कालोनाइजरों को मंजूरी देने में क्या बुराई है। ऐसा करने से निगम को फीस वसूली से करीब 40 करोड़ रुपये मिलेंगे।
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