पंजाब के 15 एसएचटी हुए बीपीईओ प्रमोट, पांच दिनों में रिपोर्टिंग नहीं की तो रद होगी पोस्ट
पंजाब डायरेक्टर शिक्षा विभाग एलिमेंटरी जगतार सिंह की तरफ से 15 सीएचटी के बीपीईओ प्रमोट करने की लिस्ट जारी कर दी है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। ताकि वे पूरी जांच परख करके ही बीपीईओज की ज्वाइनिंग की प्रक्रिया को पूरा करवाएं।
जालंधर [अंकित शर्मा]। शिक्षा विभाग की तरफ से प्राइमरी स्कूलों का ब्लाक स्तर पर कार्यभार व प्रबंध देखने के लिए ब्लाक प्राइमरी शिक्षा अफसरों की खाली पोस्टें भरनी शुरू कर दी है। जिसके तहत प्राइमरी स्कूलों में कार्य व सेवाएं दे रहे सेंटर हेड चीचर (सीएचटी) को बतौर बीपीईओ प्रमोट कर दिया गया है। जिसे लेकर डायरेक्टर शिक्षा विभाग एलिमेंटरी पंजाब जगतार सिंह की तरफ से 15 सीएचटी के बीपीईओ प्रमोट करने की लिस्ट जारी कर दी है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। ताकि वे पूरी जांच परख करके ही बीपीईओज की ज्वाइनिंग की प्रक्रिया को पूरा करवाएं। अगर कोई समय पर रिपोर्ट नहीं करता है तो उसके केस को भी नहीं विचारा जाएगा।
चेयरमैन स्क्रीनिंग कमेटी ने की सभी सीएचटी की स्क्रीनिंग
इसे लेकर की चेयरमैन स्क्रीनिंग कमेटी की तरफ से सीएचटी से शुक्रवार को मीटिंग की गई थी। जिसके तहत स्क्रीनिंग कमेटी ने सेंटर हेड का पदोन्नति के लिए चयन किया था और पदोन्नत हुए सीएचटी की क्वालिटिज को देखते हुए उनके नामों की लिस्ट बतौर बीपीईओज प्रमोट करने के लिए भेजी गई थी। जिस पर वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से मोहर लगा दी गई और अब उन सभी प्रमोट हुए बीपीईओज को अपने-अपने स्टेशन अलाट कर दिये गए हैं। बता दें कि जालंधर जिले के एक ही बीपीईओ मिला है। मौजूदा समय में प्रत्येक जिले में एक-एक बीपीईओ चार से पांच ब्लाकों का कार्यभार देख रहा है। जिससे वजह से सभी को परेशानियां आ रही हैं। सरकारी प्राइमरी स्कूल भाराना फिरोजपुर से हरजीत कौर को जालंधर के नकोदर-1 ब्लाक में बीपीईओ लगाया गया है। इसी तरह से मथरा देवी को तरनतारन, संजीव कुमार, अंजली, भूपिंदर सिंह राजेश कुमार को कपूरथला, देवी प्रशाद को मोगा, यशपाल को मुक्तसर, परलोक सिंह, लुखविंदर सिंह, सुदेश खन्ना, राकेश कुमार को गुरदासपुर, पंकज अरोड़ा, नरेश कुमार को पठानकोट और गुरमेल सिंह को पटियाला में बीपीईओ लगाया गया है।
यह शर्तें होंगी सभी पर लागू
पदोन्नत हुए बीपीईओ का ट्रेनिंग पीरियड एक साल का होगा। बीपीईओ का काम ठीक नहीं पाया गया तो उनका ट्रेनिंग पीरियड बढ़ाया भी जा सकता है। सभी बीपीईओज को पांच दिनों के भीतर अपनी हाजरी रिपोर्ट डीईओ प्राइमरी को देनी होगी। सरकार व विभाग की तरफ से पन्नोद्नत के केसों और सीनियोरिटी सूची निश्चित करने के लिए लिए गए फैसले कर्मचारियों को मानने ही होंगे। अदालतों में सीनियोरिटी को लेकर चल रहे कोर्ट केसों के फैसले इन पर लागू होंगे। अगर किसी कर्मचारी पर पेंडिंग इन्क्वायरी, गंभीर मामला, विजिलेंस केस, फौजदारी केस और पंजाब सिविल सेवाएं सजा व अपील रूल्स 1970 के नियम अधीन दोष सूची या पड़ताल पैंडिंग हो तो उसका केस विभाग की वापिस रैफर किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी यकीनी बनाएंगे कि दो सालों में कर्मचारी डीबार ना हुआ हो।