मां की प्रेरणा से तय किया पार्षद से राज्यसभा सदस्य तक का सफर, जानें- BJP नेता श्वेत मलिक से जुड़ी दिलचस्प बातें
राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक से जब उनकी मां उर्मिल मलिक से जुड़ी यादों का जिक्र किया तो वह भावुक हो उठे बोले मैं आज जो कुछ भी हूं उनकी बदौलत ही हूं। पिता संघ के प्रचारक थे इसलिए चार साल की उम्र में ही संघ की शाखा जाने लगे।
अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। मां की ममता का तो कोई सानी नहीं है। मां के आंचल में दुलार मिलता है, तो सामाजिक-नैतिक संस्कार भी उनकी कोख से ही मिलते हैं। राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक से जब उनकी मां उर्मिल मलिक के साथ जुड़ी यादों का जिक्र किया तो वह भावुक हो उठे, बोले मैं आज जो कुछ भी हूं, उनकी प्रेरणा की बदौलत ही हूं। हिंदी में एमए, एमएड होते हुए बतौर प्रोफेसर शादी से पहले तो उन्होंने अध्यापन का काम किया। शादी के बाद अपना पूरा जीवन परिवार को समर्पित कर दिया। वह खुद धार्मिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय थीं, उनकी यही गढती मुझे भी मिली और उनके आशीर्वाद से ही तीन बार पार्षद, मेयर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य का दायित्व पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निभा रहा हूं। पिता संघ के प्रचारक थे, इसलिए चार साल की उम्र में ही संघ की शाखा में जाना शुरू कर दिया। संघ के संस्कार और माता-पिता का आशीर्वाद ही है कि मैं आज इस मुकाम पर हूं।
बीटेक इलेक्ट्रानिक्स थापर कालेज से और पीजी इन मेडिकल इलेक्ट्रानिक उन्होंने जापान से की है। मलिक का जीवन तो सादा है, पर अप टू डेट रहना उन्हेंं खासा पसंद है। अपनी वार्डरोब की वैरायटी दिखाते हुए उन्होंने बताया कि कालेज समय से ही उन्हेंं ब्रांडेड के बजाए कंफर्टेबल कपड़े पहनना पसंद है। उनकी वार्डरोब पत्नी रीमा मलिक ही सेलेक्ट करती हैं। वार्डरोब में कुर्ते पायजामों की तो भरमार है ही, साथ ही वह सफारी सूट और पेंट शर्ट के भी खासे शौकीन हैं।
पार्लियामेंट की लाइब्रेरी बनी वरदान
बतौर इंजीनियर उन्हेंं पढ़ने लिखने का शुरू से शौक है। बकौल मलिक जब से वह राज्यसभा में गए हैं, तब से पार्लियामेंट की लाइब्रेरी उनके लिए वरदान बनी हुई है। जब भी वह दिल्ली होते हैं तो दो घंटे लाइब्रेरी को देते हैं और वहां देश के महान नेताओं की आटो बायोग्राफी पढ़कर अपने सियासी व सामाजिक सफर को आगे बढ़ाने की उनसे प्रेरणा लेते हैैं। इतना ही नहीं मैं रोजाना आठ न्यूज पेपर पढ़ता हूं, ताकि खुद भी अपडेट रह सकूं। इसके अलावा डा. अब्दुल कालम आजाद के मोटीवेशनल कोड को भी उन्होंने अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाया हुआ है।
चाइनीज आइटम बनाने में मास्टरी
मलिक व उनके परिवार को घर का ही खाना पसंद है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर वह घर का सादा खाना विशेषकर पालक पनीर और टेमेटो पनीर तो उनकी मन पसंदीदा सब्जी है। उन्होंने बताया कि चाहे वह खाने के शौकीन हैं, पर खाना बनाने में चाइनीज आइटम बनाने में भी उनकी मास्टरी है। वह चाउमीन, फ्राइड राइस से लेकर मंचूरियन खुद बनाते हैं और फिर पूरा परिवार उसे चाव से खाता है।
पुराने कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा विद टी, रोजाना एक घंटा सैर से रखते हैं खुद को फिट
सियासी व्यवस्थाओं के बीच मिलने वाले खाली समय का इस्तेमाल मलिक पुराने कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा विद टी में व्यतीत करते हैं। उन्होंने अपना एक पारिवारिक मित्रों का भी वाट्सएप ग्रुप बनाया हुआ है, जो सियासी तो नहीं है, पर सामाजिक व अपने बारे में वह उनसे समय समय पर फीडबैक लेते रहते हैैं। रोजाना एक घंटा सैर करते हुए खुद को फिट रखते हैैं। इतना ही नहीं संयुक्त परिवार होने की वजह से वह परिवार के सभी सदस्यों को भी अमृतसर होने पर पूरा समय देते हैं, विशेषकर परिवार के बच्चों के संग तो वह समय जरूर व्यतीत करते हैं।
देश व दुनिया के तमाम बड़े शहरों का किया भ्रमण
मलिक पब्लिक अकाउंट कमेटी, रेलवे बोर्ड, इंडस्ट्री बोर्ड, सिविल एविएशन, इंडो चाइना फ्रेंडशिप कमेटी जैसे केंद्र सरकार की अहम कमेटियों के सदस्य मलिक का कहना है कि बतौर इंजीनियर उन्हेंं सियासी फील्ड में काम करने का अपना ही अनुभव रहा। मेयरशिप के दौरान ऐसे-ऐसे प्रोजेक्टों पर काम किया, जिनकी आज भी मिसाल दी जाती है। उन्होंने बताया कि उन्हेंं ट्रैवलिंग का भी बहुत शौक है। वह देश व दुनिया के तमाम बड़े शहरों का भ्रमण कर चुके हैं।