फ्रैंको मुलक्कल मामलाः बिशप का विरोध करने वाली चार ननों को दिखाया बाहर का रास्ता
जालंधर में फ्रैंको मुलक्कल का विरोध करने वाली सिस्टर एल्फी पेलसिरिल, सिस्टर अनुपमा, सिस्टर जोसफीन और सिस्टर एन्सिटा को कॉन्वेंट से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नन से दुष्कर्म करने के मामले में आरोपित डॉयसिस ऑफ जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल मामले के मुख्य गवाह फादर कुरियाकोज के निधन के बाद चार ननों को कान्वेंट छोडऩे का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि केरल से संबंध रखने वाली इन चारों ननों ने पीड़िता को समर्थन देते हुए केरल पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई थी। हालांकि, पूर मामले को लेकर बिशप हाउस का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। बिशप हाउस के इस फैसले के विरोध में ननों में रोष है।
मामले में फ्रैंको मुलक्कल का विरोध करने वाली सिस्टर एल्फी पेलसिरिल, सिस्टर अनुपमा केल्मंगलाथुवेलिल, सिस्टर जोसफीन विलुनिवल तथा सिस्टर एन्सिटा युरूम्लिम शमी को कान्वेंट से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। बिशप हाउस के इस फरमान से उनमें रोष बढ़ गया है। हालांकि पूरे मामले में बिशप हाउस के पीआरओ फादर पीटर सहित तमाम अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। बार-बार प्रयास करने के बाद भी उन्होंने न तो फोन पर बात की और न ही बिशप हाउस में मीडिया को घुसने दिया गया।
नन ने मुलक्कल पर लगाया है 13 बार दुर्ष्कम करने का आरोप
गौरतलब है कि फादर फ्रैंको मुलक्कल पर केरल की एक नन ने वर्ष 2014 से लेकर 2016 तक 13 बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। इसी मामले में फ्रैंको मुलक्कल को केरल पुलिस गिरफ्तार करके ले गई थी। इन दिनों वह जमानत पर चल रहे हैं। उधर, मामले के मुख्य गवाह फादर कुरियाकोज के निधन तथा उनके भाई जॉस कुरियान द्वारा फादर कुरियाकोज के निधन को संदिग्ध बताते हुए केरल के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी।