जमीन, बिल्डिंग व मशीन देगी बिहार सरकार, उद्यमी आकर्षित
वैट रिफंड, सस्ती बिजली और नए फोकल प्वाइंट को लेकर अरसे से परेशान होने वाले पंजाब के उद्यमियों के लिए बिहार एक परफेक्ट इनवेस्टमेंट एवं मैन्युफैक्च¨रग डेस्टिनेशन साबित हो सकता है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर
वैट रिफंड, सस्ती बिजली और नए फोकल प्वाइंट को लेकर अरसे से परेशान होने वाले पंजाब के उद्यमियों के लिए बिहार एक परफेक्ट इनवेस्टमेंट एवं मैन्युफैक्च¨रग डेस्टिनेशन साबित हो सकता है। बिहार सरकार की तरफ से पंजाब के उद्यमियों को जमीन, बि¨ल्डग और मशीनरी देने का ऑफर दिया गया है और बिहार में इकाई स्थापित करने के लिए उद्यमियों को अपने साथ मात्र वर्किग केपिटल ही ले जानी होगी। यही बस नहीं है, इंडस्ट्री में सबसे बड़ी समस्या बनने वाली लेबर की उपलब्धता भी बिहार सरकार सुनिश्चत करेगी। फिलहाल यह ऑफर स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्च¨रग इंडस्ट्री के लिए ही है, लेकिन अगर एक्सपेरीमेंट सफल रहा तो पंजाब की अन्य इंडस्ट्री का भी बिहार की तरफ आकर्षित होना तय है।
बिहार सरकार के इंडस्ट्रीज विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ की तरफ से शुक्रवार को जालंधर में सीआइआइ की बैठक में दी गई प्रेजेंटेशन पहली नजर में इंडस्ट्री को आकर्षित कर रही है। पंजाब में तो इतनी सुविधाओं के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता
उद्यमियों का तर्क है कि जिन सुविधाओं का जिक्र बिहार सरकार की तरफ से किया जा रहा है, पंजाब में तो उनके बारे में फिलहाल निकट भविष्य में सोचा भी नहीं जा सकता है। बिहार सरकार की तरफ से 5 लाख लोगों को रोजगार दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिनमें से एक चौथाई से ज्यादा 22 वर्ष से कम आयु के हैं। उद्यमियों को मात्र लेबर को न्यूनतम वेजिज देने होंगे
बैठक में उपस्थित सीआइआइ जालंधर जोन के चेयरमैन एवं हैंडटूल पैनल के कन्वीनर अजय गोस्वामी ने कहा कि बिहार सरकार की तरफ से फिलहाल स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्च¨रग इंडस्ट्री को ही ऑफर दिया गया है। पंजाब के उद्यमियों को जमीन, बि¨ल्डग और मशीन देने के अलावा लेबर भी बिहार सरकार भी उपलब्ध करवाएगी, जिनसे पंजाब के उद्यमी काम करवा सकेंगे। इंडस्ट्री के लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। उद्यमियों को मात्र लेबर को न्यूनतम वेजिज देने होंगे।
ऐसे में पंजाब की इंडस्ट्री को नहीं मिल सकेगी लेबर
दूसरी तरफ बिहार सरकार की तरफ से दिए गए ऑफर पंजाब के लिए इस कारण भी चुनौती बनेगी कि अगर वहां इंडस्ट्री स्थापित हो गई तो पहले से ही जर्जर अवस्था में चल रही पंजाब की इंडस्ट्री को तो लेबर ही उपलब्ध नहीं होगी। इस समय पंजाब की इंडस्ट्री में काम कर रही लेबर का काफी हिस्सा बिहार से संबंधित है। अगर बिहार की लेबर को वहां स्थापित होने वाली इंडस्ट्री में ही न्यूनतम वेजिज उपलब्ध हो गए तो सैकड़ों मील दूर आकर काम करने का तो कोई औचित्य ही बाकी नहीं बचेगा।