Medical Negligence: अमृतसर के डाक्टर ने दिया जिंदगी भर का दर्द, गर्भपात करने के बाद आधे अंग कोख में छोड़े, महिला की बच्चेदानी काटी
अमृतसर में निजी अस्पताल के डाक्टर की लापरवाही ने एक महिला की कोख उजाड़ दी। गर्भ में बच्चे की मौत के बाद उसने महिला का गर्भपात किया था और उस दौरान उसने भ्रूण के आधे अंग कोख में ही छोड़ दिए। बच्चे दानी भी काट दी।
जागरण संवाददाता, अमृतसर। कोट खालसा इलाके में स्थित एक निजी अस्पताल के डाक्टर की लापरवाही ने एक महिला की कोख उजाड़ दी। गर्भ में बच्चे की मौत के बाद उसने महिला का गर्भपात किया था और उस दौरान लापरवाही बरतते भ्रूण के आधे अंग कोख में ही छोड़ दिए थे। अस्पताल के खिलाफ पंजाब अल्पसंख्यक आयोग के पास शिकायत पहुंची है। महिला ने आरोप लगाया है कि इस अस्पताल में उसकी कोख में पल रहे बच्चे को मार दिया गया। इतना ही नहीं, बच्चे की मौत के बाद उसे काटकर बाहर निकाला गया। इस आपरेशन के दौरान बच्चे के कई अंग कोख में ही रह गए। महिला डेढ़ महीने तक कोख में अधकटे बच्चे को लेकर रूटीन काम निपटाती रही। पेट में तेज दर्द शुरू हुआ तो उसने अल्ट्रासाउंड करवाया। तब पता चला कि उसके पेट में तो नवजात शिशु के अंग गल सड़ चुके हैं। आयोग ने इसका संज्ञान ले लिया है।
पीड़ित महिला ने आयोग के चेयरमैन प्रो. इमैनुअल नाहर के सामने पेश होकर बताया कि वह 4 माह की गर्भवती थी। 6 मार्च को अचानक पेट में दर्द शुरू हो गया। उसने सरकारी गुरुनानक देव अस्पताल में कार्यरत अमरजीत सिंह को फोन किया। अमरजीत सिंह ने उसे खुद को डाक्टर बताया था। उसने कहा कि कोट खालसा स्थित निजी अस्पताल में चली जाओ। वहां, अमरजीत ने उसका चेकअप किया और कहा कि बच्चे की धड़कन बंद है। उसकी मौत हो चुकी है।
पति गुरमीत सिंह ने कहा कि आप अल्ट्रासाउंड करके देखो। अमरजीत ने कहा कोई फायदा नहींं, बच्चा मर चुका है और अब गर्भपात करना पड़ेगा। वह उसे आपरेशन थिएटर ले गया और पति से 25,000 रुपये लिए गए। पौने घंटे बाद उसने मुझे घर ले जाने को कहा। पति ने होश आने देने की बात कही लेकिन अमरजीत ने बाहर जाने को कह दिया। उस समस उसका ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ चुका था। इसके बाद उसे घर लाया गया, जहां सारी रात दर्द होता रहा।
इसके बाद 8 मार्च को उसने अल्ट्रासाउंड टेस्ट करवाया। इसमें पता चला कि गर्भ में बच्चे के शरीर के अंग पड़े हुए थे। अमरजीत से बात की तो उसने माना की उससे गलती हुई है। वह इसका हर्जाना देने को तैयार हैं। इसके बाद उसने बटाला रोड स्थित एक निजी अस्पताल में गायनी डाक्टर को दिखाया। यहां भी एक टेस्ट करवाया गया। टेस्ट में पता चला कि उस निजी अस्पताल में उसकी बच्चेदानी ही काट दी। डाक्टर ने कटे हुए अंग निकालने की कोशिश की पर उसका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता था। डेढ़ महीने तक उसकी कोख में नवजात शिशु के अंग पड़े रहे। अब जाकर कहीं अंग बाहर निकाले गए हैं।
आयोग के चेयरमैन प्रो. नाहर बोले- महिला के साथ न्याय होगा
महिला ने मांग की कि अल्पसंख्यक आयोग इस मामले में कड़ी कार्रवाई करे। आयोग के चेयरमैन प्रो. नाहर ने आश्वासन दिया कि न्याय होगा। उन्होंने 6 दिसंबर को निजी अस्पताल प्रबंधन व अमरजीत सिंह को रिकार्ड सहित चंडीगढ़ तलब किया है। आयोग के सदस्य डा. सुभाष थोबा ने कहा कि महिला ने बड़ी पीड़ा झेली है। वह औलख अस्पताल में जाकर रिकार्ड की जांच करेंगे और जवाबतलबी करेंगे।
अस्पताल प्रबंधक बोली- महिला परेशान कर रही
इधर, निजी अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि महिला उन्हें परेशान कर रही है। उसका किसी के साथ कोई लेनदेन होगा। न ही वह अमरजीत सिंह को जानती है। उसे सिविल सर्जन ने बुलाया था। वह खुद कैंसर मरीज है। उसके अस्पताल में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
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