बीबी जागीर कौर फ्रस्ट्रेटेड व क्रेक हैं, मेरे खिलाफ कुछ भी बोलती रहती हैं : खैहरा
जागरण संवाददाता, जालंधर : विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल खैहरा ने अपनी पारंपरिक राजनीतिक
जागरण संवाददाता, जालंधर : विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल खैहरा ने अपनी पारंपरिक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) अध्यक्ष बीबी जागीर कौर के बारे में निजी टिप्पणी करते हुए कहा कि बीबी अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं। बीबी के खैहरा को ड्रग किंगपिन क हने से जुड़े सवाल पर सर्किट हाउस में रविवार को अपनी प्रतिक्रिया में भुलत्थ से आप विधायक ने यह दावा किया। उन्होंने कहा कि बीबी फ्रस्ट्रेटेड हो चुकी हैं। वह डिप्रेशन में हैं और क्रेक भी। उन्हें तो थोड़ा सा भी कुछ मेरे खिलाफ मिल जाए तो वह कुछ भी कहती रहती हैं। गौरतलब है कि बीबी जागीर कौर भुलत्थ से विधायक रह चुकी हैं।
मजीठिया के खिलाफ पुख्ता सुबूत थे, मुझे तो सिर्फ समन किया
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुझसे और मजीठिया से इस्तीफा मांगने में फर्क है। मजीठिया के खिलाफ पुख्ता सुबूत थे। वह सत्ता में रहते अपने खिलाफ जांच को प्रभावित करता और ऐसा मजीठिया ने किया भी जबकि मेरे खिलाफ तो फोन कॉल के आधार पर अदालत ने सिर्फ समन किया है। विपक्ष के नेता के नाते मैं जांच को प्रभावित नहीं कर सकता। मैंने हाईकार्ट में पहले ही इस बारे में केस फाइल कर रखा है और मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अगर मेरे खिलाफ लगे आरोप साबित हो गए तो पंद्रह मिनट में इस्तीफा दे दूंगा।
सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम इस्तीफा दें तो मैं भी दे दूंगा
दुहराया कि फिर भी अगर भ्रष्टाचार के केस में जमानत पर चल रहे सीएम अमरिंदर सिंह व हत्या के प्रयास के मामले में जमानत पर चल रहे सुखबीर सिंह अपने पदों से इस्तीफा दे देते हैं तो मैं भी अपना पद छोड़ दूंगा। खैहरा ने कहा कि मेरे से पहले कोई भी लीडर ऑफ अपोजिशन इतना एक्टिव व वोकल नहीं रहा जितना मैं। इसलिए सभी बिना वजह मेरे पीछे पड़े हैं और मुझे इस पद से हटा हुआ देखना चाहते हैं। जब उनसे पूछा गया कि आप विधायक एचएस फूलका भी विपक्ष के नेता रहते हुए एक्टिव नहीं थे क्या?, तो उन्होंने कहा कि वे तो कुछ ही देर के लिए एलओपी रहे। हालांकि झट से कहा कि वे एक्टिव थे।
संपत्ति कई गुना बढ़ने के आरोपों को नकारा
राणा ने साल 2007 में लगभग दो करोड़ रुपये की उनकी चल-अचल जायदाद साल 2012 में 52 करोड़ होने के आरोपों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी अचल संपत्ति की मार्केट वैल्यू चुनावी एफिडेविट में लिखी। दूसरा साल 2010 में मेरे पिता पंजाब के पूर्व मंत्री सुखजिंदर सिंह के देहांत के बाद सारी संपत्ति मेरे नाम हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की चल-अचल जायदाद 10,000 करोड़ से कम नहीं लेकिन उन्होंने चुनावी एफिडेविट में अपनी अचल जायदाद की कीमत सिर्फ 52 करोड़ बताई है जबकि चंडीगढ़ के सेक्टर नौ में बारह किले में उनकी कोठी की मार्केट वैल्यू 150 करोड़ रुपये से कम नहीं।
बिजली पर सब्सिडी छोड़ी
एक अन्य सवाल के जवाब में खैहरा ने कहा कि मैंने बिजली पर मिलने वाली सबसिडी छोड़ दी है जबकि विधानसभा में ऐसी अपील करने के बावजूद सीएम अमरिंदर सिंह ने खुद ऐसा नहीं किया।
गन्ने की एसएपी बढ़ाने की मांग
खैहरा ने पंजाब में गन्ने पर स्टेट एश्योयर्ड प्राइज (एसएपी) बढ़ाने की मांग करते हुए इसे कम से कम पड़ोसी राज्य हरियाणा के बराबर 330 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री राणा गुरजीत सिंह, अकाली नेता जरनैल सिंह वाहद, पोंटी चड्ढा ग्रुप, डीपी यादव व ओसवाल ग्रुप की प्राइवेट शूगर मिलों को फायदा पहुंचाने के लिए पिछले चार साल से गन्ने की एसएपी पंजाब में नहीं बढ़ाई गई जिस कारण इस का दाम 285 से 300 रुपये प्रति क्विंटल हैं। दूसरी तरफ सूबे की नौ सरकारी शूगर मिलें नकारा मशीनरी व दूसरी अनदेखियों के कारण 150 करोड़ रुपये के घाटे में हैं।