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109 करोड़ रुपए की लागत से भोगपुर चीनी मिल का हुआ कायाकल्प, 42.50 करोड़ का होगा अतिरिक्त राजस्व

भोगपुर सहकारी चीनी मिल सहकारी क्षेत्र की सबसे पहली चीनी मिल है। यह मिल अब अपने क्षेत्र के गन्ने की पिड़ाई में समर्थ होगी। साथ ही बिजली उत्पादन को आने वाले तीन सीजनों में मिल को 42.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व भी इकट्ठा होगा।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 05:40 PM (IST)
109 करोड़ रुपए की लागत से भोगपुर चीनी मिल का हुआ कायाकल्प, 42.50 करोड़ का होगा अतिरिक्त राजस्व
भोगपुर सहकारी चीनी मिल में हुए कायाकल्प का उद्घाटन करते सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा।

जालंधर, जेएनएन। सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की तरफ से आज भोगपुर सहकारी चीनी मिल में 3000 टीसीडी सामर्थ्य और 15 मेगावाट बिजली प्लांट के नए प्राजेक्ट का उद्घाटन किया गया। शूगरफेड और सहकारिता विभाग की तरफ से बड़ी छलांग लगाते हुए 109 करोड़ रुपए की लागत के साथ सहकारी क्षेत्र की सबसे पहली चीनी मिल का कायाकल्प किया गया। अब यह मिल अपने क्षेत्र के गन्ने की पिड़ाई में समर्थ होगी। इसके अलावा बिजली उत्पादन को आने वाले तीन सीजनों में मिल को 42.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व भी इकट्ठा होगा, जिसके साथ किसानों को गन्ने की अदायगी भी अपने संसाधनों से की जा सकेगी।

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उद्घाटनी समारोह में सहकारिता मंत्री रंधावा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार की तरफ से सूबे की सहकारी चीनी मीलों को मज़बूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। किसानों को गेहूं-धान के फसली चक्कर से निकालने के लिए गन्ने की खेती सबसे अहम तबदीली है, जिसमें फसली विभिन्नता को उत्साहित करने का पूरा सामर्थ्य है।

रंधावा ने कहा कि पंजाब में इस समय पर गन्ने की खेती अधीन एक लाख हेक्टेयर के करीब क्षेत्रफल है। चीनी मीलों को पुर्नजीवित करने से यह क्षेत्रफल आने वाले सालों में ओर भी बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि गन्ने की खेती को लाभदायक बनाने और इस की खेती के लिए किसानों को उत्साहित करने के लिए सहकारी चीनी मीलों को मज़बूत करना सबसे बड़ी ज़रूरत थी। इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार की तरफ से नयी छलांग लगाई जा रही हैं।

रंधावा ने बताया कि पंजाब कैबिनेट की तरफ से किए गए अहम फैसले में बंद पड़ी फरीदकोट सहकारी चीनी मिल की प्लांट मशीनरी को भोगपुर सहकारी चीनी मिल में 20.27 करोड़ रुपए की लागत के साथ शिफ्ट किया गया, जिसके साथ मौजूदा मिल का पिड़ाई सामर्थ्य 1016 टीसीडी से बढ़कर 3000 टीसीडी समेत 15 मेगावाट बिजली प्लांट हो गया है। यह नया प्रोजेक्ट आज स्थापित किया गया है। 15 मेगावाट बिजली उत्पादन में से 8.54 मेगावाट बिजली 6.29 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब के साथ पावरकॉम को बेची जायेगी और प्रति यूनिट रेट में हरेक साल 18 पैसे की बढ़ोतरी होगी। पेडा और पावरकॉम के साथ बिजली खरीदने का समझौता हो गया। इसके अलावा चीनी मिल के शुरू होने वाले सीजन 2020 -21 में 11 करोड़ रुपए, 2021 -22 में 15 करोड़ रुपए और 2022 -23 में 16.50 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व इकट्ठा होगा।

भोगपुर सहकारी चीनी मिल  ने पूरे किए  64 पिड़ाई सीजन

उन्होंने कहा कि भोगपुर सहकारी चीनी मिल सहकारी क्षेत्र की सबसे पहली चीनी मिल है, जिसका पहला सीजन 1955 -56 में शुरू हुआ था। अब तक इस मिल ने 64 पिड़ाई सीजन पूरे किए हैं। पिछले साल 2019 -20 दौरान राज्य की 9 सहकारी चीनी मीलों की तरफ से 1.57 लाख क्विंटल गन्ना पीड़ाई और 9.29 प्रतीशत चीनी की प्राप्ति की गई है। चीनी की सबसे अधिक रिकवरी भोगपुर सहकारी चीनी मिल की तरफ से 10.50 प्राप्त की गई, जोकि एक रिकार्ड है। सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस समय भोगपुर मिल के आरक्षित क्षेत्र में 363 गांवों के 4466 किसान गन्ना बीजते हैं जिनमें से 4500 गन्ना काश्तकार मिल को गन्ना स्पलाई करते हैं। पिड़ाई सीजन 2020-21 के लिए कुल 38.78 लाख क्विंटल गन्ना बांड किया गया है। नई मिल का ट्रायल सीजन होने के कारण पुरानी मिल को चलाने की तैयारी की गई है जिससे गन्ना काशतकारों को किसी किस्म की परेशानी का सामना न करना पड़े।

गुरदासपुर और बटाला में बनाए जा रहे नए शूगर कांप्लेक्स

शूगरफैड की अन्य पहलकदमियों बारे जानकारी देते रंधावा ने बताया कि गुरदासपुर और बटाला में नए शूगर कांप्लेक्स बनाए जा रहे हैं। गुरदासपुर सहकारी चीनी मिल में 5000 टी.सी.डी. की सामर्थ्य का शेगर प्लांट समेत 120 के.एल.पी.डी डिस्टिलरी और बटाला में 3500 टी.सी.डी. शूगर प्लांट जिसकी क्षमता 5000 टी.सी.डी तक बढ़ाई जा सकती है, लगाया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और शूगरफैड ने सभी सहकारी चीनी मिलों में इंडियन आयल के आउटलैट स्थापित करन के लिए सहयोग किया है जिनमें से मोरिंडा सहकारी चीनी मिल में रिटेल आउटलैट इस साल जून महीने शुरू हो गया है।

ये रहे मौजूद  

इस मौके शूगरफैड के चेयरमैन अमरीक सिंह आलीवाल, मिलकफैड के चेयरमैन कैप्टन हरमिन्दर सिंह, सहकारी सभाओं के रजिस्ट्रार विकास गर्ग, शूगरफैड के एम.डी.  पुनीत गोयल, शूगरफैड के जनरल मैनेजर (हैडक्वाटर) कंवलजीत सिंह तूर, सहकारी चीनी मिल भोगपुर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के वाइस चेयरमैन परमिन्दर सिंह  और समूह मैंबर, मिल के जनरल मैनेजर अरुण कुमार अरोड़ा, उत्तम एनर्जी लिमटिड पुणे के सीईओ अनिल बाबू जामी और सीनियर मैनेजर प्रोजेक्ट्स शंकर बांबरे और जेपी मुखर्जी एंड एसोसिएट के सहायक जनरल मैनेजर टी श्रीनिवास राव, एसएस बोर्ड के मैंबर जसपाल सिंह ढिल्लों, ज़िला कांग्रेस समिति (देहाती) के प्रधान सुखविन्दर सिंह लाली आदि उपस्थित थे।


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