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बिल्डिंग डिपार्टमेंट की कार्रवाई पर मेयर राजा से मिले बेरी, सीलिंग को गलत बताया Jalandhar News

अवैध कालोनियों पर जा रही कार्रवाई पर विधायक राजेंद्र बेरी ने मेयर जगदीश राजा से मुलाकात करके कार्रवाई के तरीके पर एतराज जताया है।

By Edited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 10:22 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 10:17 AM (IST)
बिल्डिंग डिपार्टमेंट की कार्रवाई पर मेयर राजा से मिले बेरी, सीलिंग को गलत बताया Jalandhar News
बिल्डिंग डिपार्टमेंट की कार्रवाई पर मेयर राजा से मिले बेरी, सीलिंग को गलत बताया Jalandhar News

जालंधर, जेएनएन। हाईकोर्ट के आदेशों पर अवैध कालोनियों और बिल्डिंगों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर विधायक राजेंद्र बेरी ने मेयर जगदीश राजा से मुलाकात करके कार्रवाई के तरीके पर एतराज जताया है। विधायक ने मेयर से कहा कि निगम अफसर हाईकोर्ट के ऑर्डर की पालना करते हुए सिर्फ एकपक्षीय कार्रवाई कर रहे हैं। विधायक ने कहा कि अवैध निर्माण सील करना कोई हल नहीं है।

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बिल्डिंग डिपार्टमेंट इन इमारतों को बनने ही नहीं देता तो कोई बात नहीं थी लेकिन अब लोगों ने लाखों रुपये खर्च करके बिल्डिंग बनाई है तो इन्हें सील करने की बजाय जुर्माना लेकर कंपाउंड करनी चाहिए। निगम अफसरों को इसके लिए बीच का रास्ता निकालना चाहिए। कोर्ट भी किसी का नुकसान करने के पक्ष में नहीं हो सकता। हाईकोर्ट के ऑर्डर का पालन हो लेकिन जो बिल्डिंग रेगुलर की जा सकती हैं, उन्हें रेगुलर किया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता गुल्लू की बिल्डिंग सील न करने पर कोर्ट जाने की चेतावनी

उधर, आरटीआइ एक्टिविस्ट रविंदरपाल सिंह चड्ढा ने गाजीगुल्ला रोड पर न्यू गोपाल नगर में कांग्रेस नेता महिंदर सिंह गुल्लू की बिल्डिंग सील न करने पर सवाल उठाया है। चड्ढा ने इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा और एमटीपी परमपाल सिंह को दी है। चड्ढा ने कहा कि हाई कोर्ट में जिन इमारतों को लेकर केस हैं उन इमारतों को इसलिए दोबारा सील किया जा रहा है क्योंकि बिल्डिंग मालिकों ने निगम को दिए शपथ पत्र के मुताबिक बिल्डिंग में बदलाव नहीं किया है।

चड्ढा ने कहा कि गुल्लू ने भी एफिडेविट दिया था कि वह अपनी बिल्डिंग को रिहायश के रूप में ही इस्तेमाल करेंगे लेकिन अब इस बिल्डिंग में शोरूम खुल गया है। चड्ढा ने कहा कि इमारतों को सील करने के लिए दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है। अगर इस बिल्डिंग को सील न किया गया तो वह भी हाई कोर्ट जाने को मजबूर होंगे।


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