Punjab Dengue Update: प्राइवेट अस्पताल व लैब डेंगू टेस्ट के 600 रुपये ज्यादा नहीं वसूल सकेंगे, सरकार ने दिए आदेश
डेंगू से पीड़ित लोगों की तादाद भी 1280 के पार पहुंच गई है। इस स्थिति में बढ़ते मामलों को देखते हुए सेहत विभाग ने जिले के निजी अस्पतालों व लैब को निर्देश जारी किए गए हैं। वे डेंगू टेस्ट के लिए 600 रुपये से ज्यादा नहीं वसूल सकेंगे।
नितिन सिंगला, बठिंडा। जिले में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही रहा है। डेंगू से पीड़ित लोगों की तादाद 1280 के पार पहुंच गई है। ऐसे में सेहत विभाग ने जिले के निजी अस्पतालों व लैब को अहम निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा टेस्ट को प्राथमिकता देने व इस बाबत मरीजों से तय 600 रुपए प्रति टेस्ट से अधिक की वसूली नहीं करने की हिदायते दी है। इसके अलावा हिदायत दी गई है कि अस्पताल किसी तरह की लापरवाही न बरतें। मरीज में डेंगू की पुष्टि अपने तौर पर न करें। डेंगू के मरीजों के बारे में तुरंत से विभाग को अवगत करवाया जाए।
विभाग के आदेशों के मुताबिक कोविड मामलों के साथ-साथ डेंगू और चिकनगुनिया के केसों की अब निजी अस्पताल प्रशासन को जानकारी देनी होगी। इसमें कोविड के साथ डेंगू से लड़ाई में भी निजी अस्पतालों को सहयोग करने के लिए कहा है। जिस भी निजी लैब में डेंगू केस रिपोर्ट हो रहा है, फौरन इसकी जानकारी सेहत विभाग को दी जाए। निजी अस्पताल व लैब कार्ड आधारित टेस्ट न करें, टेस्ट केवल इलाइजा आधारित ही किए जाएं, जिससे डेंगू बुखार की सही पुष्टि हो सके। जो भी सैंपल संदिग्ध व पुष्ट हैं, वे विभाग को भेजे जाएं।
सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया की जांच के लिए किए जाने वाले टेस्टों के रेट निर्धारित किए गए हैं। नियमानुसार डेंगू सेरोलॉजी आईजीएम एलाइजा आधारित के लिए 600 रुपये, चिकनगुनिया सेरोलॉजी आईजीएम एलाइजा आधारित के लिए भी 600 रुपये फीस निर्धारित है। यदि कोई इससे ज्यादा रेट वसूलता है तो कार्रवाई की जाएगी।
निजी अस्पतालों ने मचा रखी है लूट
गौरतलब है कि डेंगू के नाम पर निजी अस्पतालों ने लूट मचा रखी है। इन अस्पतालों में कार्ड टेस्ट में पाजिटिव आने के बाद मरीज को दाखिल कर उसका इलाज शुरू कर देते हैं। जबकि विभाग ने संदिग्ध डेंगू मरीज का केवल एलाइजा टेस्ट भिजवाने को कहा है। कुछ निजी अस्पताल सरकार के आदेश दरकिनार कर मरीजों को लूट रहे हैं।
बठिंडा में बेड फुल
जिले में डेंगू के 1280 केस सामने आ चुके हैं। इस समय सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड फुल हैं। कई जगहों पर झोलाछाप भी डेंगू का इलाज करने का दावा करने से नहीं चूक रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग इनसे इलाज करवा रहे हैं जबकि इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।