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मशहूर संगीतकार बीएस नारंग का जालंधर में अंतिम संस्कार, मास्टर सलीम समेत कई बड़े सिंगर पहुंचे; देखें तस्वीरें

Baldev Sharan Narang Death पंजाब के प्रसिद्ध संगीतकार बलदेव शरण नारंग (75) का अंतिम संस्कार बुधवार को जालंधर के हरनाम दास पुरा के श्मशान घाट में किया गया। इस दौरान बलदेव शरण नारंग को अंतिम विदाई के लिए संगीत जगत की कई बड़ी हस्तियां भी पहुंची।

By Rohit KumarEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 03:32 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 03:59 PM (IST)
मशहूर संगीतकार बीएस नारंग का जालंधर में अंतिम संस्कार, मास्टर सलीम समेत कई बड़े सिंगर पहुंचे; देखें तस्वीरें
प्रसिद्ध संगीतकार बलदेव शरण नारंग (75) का अंतिम संस्कार बुधवार को हरनाम दास पुरा के श्मशान घाट में किया गया।

जालंधर, जेएनएन। पंजाब के प्रसिद्ध संगीतकार बलदेव शरण नारंग (75) का मंगलवार को दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया था। उनकी अंतिम संस्कार बुधवार को हरनाम दास पुरा के श्मशान घाट में किया गया। इस दौरान बलदेव शरण नारंग को अंतिम विदाई के लिए संगीत जगत की कई बड़ी हस्तियां भी पहुंची।

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बलदेव शरण नारंग के अंतिम संस्कार पर गायक दविंदर दयालपुरी, दिलजान, मलकीत सिंह, हरजोत सिंह, हंसराज हंस,  जस्सी जसराज,  तेजपाल किट्टू, फिरोज खान, मास्टर सलीम, परवेज तेजी श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। बलदेव शरण नारंग की आकस्मिक मौत होने के बाद संगीत के क्षेत्र में दुख की लहर दौड़ गई। मंगलवार को उनका देहांत घर पर ही दिल का दौरा पड़ने से हो गया। शाम चौरासी घराने से संगीतकार नारंग के शार्गिदों की लिस्ट में मास्टर सलीम,बरकत सिद्धू, सुख¨वदर सिंह व हंसराज हंस जैसे नाम शामिल हैं। प्रसिद्ध गजलकार जगजीत सिंह भी इनके करीबी रहे।

नारंग ने 1950 से 80 के दशक में जालंधर से दोआबा में संगीत आंदोलन को पोषित करने वाले गुरुओं की परंपरा को आगे बढ़ाने में दिन रात एक कर दिया था। वह लंबे समय से बीमार थे और उन्होंने गुजराल नगर स्थित अपने निवास स्थान में मंगलवार को अंतिम सांस ली। श्याम चौरासी घराने से जुडे बीएस नारंग ने ही जालंधर के डीएवी कालेज में संगीत के विभाग को स्थापित किया था। वह 1964 में डीएवी के पालिटिक्ल साइंस के छात्र रहे और 1973 में क्लर्क की नौकरी करने आए थे।

तत्कालीन प्रिंसिपल बीएस बहल उनके संगीत से इतना प्रभावित हुए कि कि उन्होंने उनको युवाओं को संगीत की शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद संगीत विभाग की स्थापना की गई और यूथ फेस्टिवल के रूप में संगीत की महफिलें सजने लगी। वहीं मास्टर सलीम, हंसराज हंस, जसबीर जस्सी, सरबजीत चीमा, सुखविंदर, देवी मकसूदपुरी व तेजवंत किट्टू को कलाकार के रूप में तराशा। 2006 में वह डीएवी से रिटायर हुए थे।


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