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लोकसभा चुनाव में बसपा का बढ़ा जनाधार, जानें क्या रही वजह

बसपा के लिए पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को प्रमुखता से उठाना भी फायदेमंद रहा जिसके चलते भारी संख्या में यूथ पार्टी के साथ जुड़ा।

By Edited By: Published: Sat, 25 May 2019 05:30 AM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 08:46 AM (IST)
लोकसभा चुनाव में बसपा का बढ़ा जनाधार, जानें क्या रही वजह
लोकसभा चुनाव में बसपा का बढ़ा जनाधार, जानें क्या रही वजह

जेएनएन, जालंधर। चुनावी समझौते की राजनीति,युवाओं का रुझान, पिछले समय में संविधान में बदलाव की कोशिशें एवं बसपा उम्मीदवार की साफ-सुथरी छवि जालंधर लोकसभा क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी बसपा के उभार की मुख्य वजह बनी है। पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के साथ हुए चुनावी समझौते के चलते बसपा को जाति, श्रेणी एवं राजनीतिक पार्टी के स्तर से ऊपर उठकर वोट मिले, जो शायद बसपा के अकेले चुनाव लड़ने के चलते नहीं मिल पाते। बसपा कैडर पिछले लंबे अरसे से पार्टी हाईकमान से पंजाब में चुनावी समझौते की मांग करता चला आ रहा था, लेकिन हाईकमान इस बारे में हरी झंडी नहीं दे रहा था।

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पीडीए के साथ हुए समझौते के बाद बसपा को आदमपुर में मिली अप्रत्याशित जीत इसका ज्वलंत उदाहरण बनी है। आदमपुर के गांवों में से बसपा उम्मीदवार बलविंदर कुमार को दलित समुदाय के अलावा अन्य जातियों एवं अन्य राजनीतिक दलों से संबंधित वोटर का भी वोट प्राप्त हुआ है। बसपा के लिए पोस्टमैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को प्रमुखता से उठाना भी फायदेमंद रहा, जिसके चलते भारी संख्या में यूथ पार्टी के साथ जुड़ा। यह पिछले दो दशक में शायद पहला मौका था, जब लोकसभा चुनाव में दलित समुदाय से संबंधित यूथ का झुकाव बसपा की तरफ था।

पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम का मसला तो अन्य दलों ने भी उठाया था, लेकिन चुनाव में उसे भुनाना भूल गए बीते दो वर्ष के दौरान दलितों से संबंधित कुछ कानूनों में बदलाव को लेकर संविधान में संशोधन की भी बात उठी थी, जिसका बसपा ने पुरजोर विरोध किया था। इसी वर्ष की पहली तिमाही के दौरान बसपा ने कड़े प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया और इन मसलों को लेकर दलित समुदाय भी खासा जागृत हुआ। समुदाय बसपा के साथ सहमत नजर आया और विशेषकर दोआबा के दलित समुदाय ने सरकार का भारी विरोध किया। यही वजह रही कि बलविंदर कुमार चुनाव में दो लाख वोट लेने का आंकड़ा भी पार करने में सफल हो गए।

नेता बसपा का उज्ज्वल भविष्य देख रहे

बसपा के ही कुछ शीर्ष नेता इस तर्क के साथ बसपा का भविष्य उज्ज्वल देख रहे हैं कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव तक पार्टी हाईकमान समझौते की राजनीति को आगे बढ़ाती है तो फिर विधानसभा में भी सफलता मिलना तय है। बलविंदर कुमार ने जालंधर के समस्त नौ विधानसभा हलकों में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और अगर विधानसभा चुनाव में भी चुनावी समझौता होता है तो फिर बसपा कम से कम दोआबा में तो नए सिरे से शुरुआत कर सकती है।

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