जालंधर में सहायक प्रोफेसर आज शांतमय ढंग से देंगे शिक्षा मंत्री की कोठी के बाहर धरना, जानें मांगें
सहायक प्रोफेसरों की तरफ से 57 दिनों तक पंजाब के सभी सरकारी कालेजों में रहते हुए सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। इस दौरान उन्होंने कालेजों की पढ़ाई बंद रखी बावजूद विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान को सरकार नजर अंदाज करती रही।
जासं, जालंधर। सरकारी कालेजों के गेस्ट फैकल्टी सहायक प्रोफेसर 10 दिनों से शिक्षा मंत्री की कोठी के बाहर दिन-रात का पक्का धरना लगाए बैठे हुए हैं। दो दिन पहले ही पैनल मीटिंग में मांगों की पूर्ति का मिले आश्वासन के बाद सहायक प्रोफेसर सरकार से लिखित में जवाब मांग रहे हैं। इसी बात को लेकर उन्होंने पहले से तय भारतीय किसान यूनियन के साथ मिलकर राज्य स्तरीय रैली की। जबकि पहले पक्के मोर्चे के तहत ट्रैक्टर ट्रालियां लगाकर शिक्षा मंत्री की कोठी को जाने वाले सभी रास्ते बंद करने थे। मगर मीटिंग में सकारात्मक रवैया नजर आने पर केवल राज्य स्तरीय मीटिंग करके ही गुस्सा निकाला गया।
इसी वजह से अब सहायक प्रोफेसर अब वीरवार को भी सरकार के खिलाफ अपने लगाए गए मोर्चे में डटे रहेंगे, मगर फिलहाल शांतमय ढंग से। क्योंकि जब तक सरकार की तरफ से उनकी मांगों की पूर्ति संबंधी लिखित में जवाब नहीं दिया जाता वे धरना नहीं उठाएंगे। उनकी यही मांग है कि 15 से 20 सालों से सरकारी कालेजों में तनदेही के साथ सेवाएं देने वालों को तर्जीह दी जाए, न की उनकी नौकरियां उनसे छीनी जाए। ऐसे में मंजूरशुदा पोस्टें निकलने के चलते पार्ट टाइम, गेस्ट फैकल्टी, कांट्रैक्ट पर सेवाएं देने वालों की नौकरियां सुरक्षित करने की ही मांग है।
इसी मांग को लेकर पहले सहायक प्रोफेसरों की तरफ से 57 दिनों तक पंजाब के सभी सरकारी कालेजों में रहते हुए सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। इस दौरान उन्होंने कालेजों की पढ़ाई बंद रखी, बावजूद विद्यार्थियों की पढ़ाई के नुकसान को सरकार नजर अंदाज करती रही। जिस वजह से उन्हें सड़कों पर उतर कर शिक्षा मंत्री की कोठी के बाहर आना पड़ा। गाैरतलब है कि पंजाब में बेराेजगार मांगाें काे लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें-दो हजार का नकली नोट शगुन में दे असली रुपये ले जाता था पंजाब का युवक, नशे ने बनाया इतना शातिर