6 अवैध कालोनियों को रेगुलर करने की मंजूरी, बाकी 26 को 10 फरवरी तक मोहलत
नगर निगम की बिल्डिंग सेंक्शन कमेटी की मीटिग में 6 कालोनियों को रेगुलर करने की मंजूरी दे दी गई। इनसे करीब 60 लाख रुपये फीस मिली है।
जागरण संवाददाता, जालंधर : नगर निगम की बिल्डिंग सेंक्शन कमेटी की मीटिग में 6 कालोनियों को रेगुलर करने की मंजूरी दे दी गई। इनसे करीब 60 लाख रुपये फीस मिली है। बुधवार को हुई मीटिग में कमेटी के चेयरमैन व निगम कमिश्नर करनेश शर्मा ने कमेटी मेंबरों के साथ 32 अवैध कालोनियों की फाइलों पर चर्चा की। बिल्डिंग डिपार्टमेंट ने बताया कि 32 कालोनियों में से छह की 100 प्रतिशत राशि जमा हो चुकी है और इन कालोनियों से मंजूरी के लिए जरूरी सभी दस्तावेज ले लिए गए हैं। उसके बाद 6 कालोनियों को रेगुलर करने की मंजूरी दे दी गई। निगम कमिश्नर ने बताया कि बाकी 26 कालोनियों में से अधिकतम ने फीस का कुछ ना कुछ हिस्सा जमा करवा दिया है और कईयों ने एक हफ्ते के अंदर फीस जमा करने का वादा किया है। इन सभी को 10 फरवरी तक फीस जमा करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
मीटिग में ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह, बीएंडआर डिपार्टमेंट के एसई रजनीश डोगरा, ओएंडएम के एसईपी सतिदर कुमार, सीनियर टाउन प्लानर परमपाल सिंह, एमटीपी मेहरबान सिंह, फायर अफसर जसवंत सिंह मौजूद रहे। 2008 से पहले विकसित किए जाने का सबूत देना होगा
कमिश्नर ने बताया कि 2008 की पालिसी के मुताबिक फीस कम है लेकिन इसके बाद नई पालिसी में फीस बढ़ा दी गई थी। जो कालोनाइजर दावा कर रहे हैं उन्होंने 2008 से पहले कालोनी विकसित की है तो उन्हें इसका सबूत देना होगा। 32 कालोनियों से अब तक डेढ़ करोड़ की फीस आ चुकी है, इसमें 6 कालोनियों से ली गई करीब 60 लाख रुपये की फीस भी शामिल है। अगली बैठक दस को ही
नगर निगम की सेंक्शन कमेटी की अगली मीटिग 10 फरवरी को होगी। उनमें 26 कालोनियों पर चर्चा होगी। साल 2018 से पहले की बनी कालोनियों पर 15 फरवरी को चर्चा होगी। कमिश्नर ने कहा कि जिन कालोनियों के कालोनाइजर 10 फरवरी तक फीस जमा करवा देंगे और दस्तावेज भी दे देंगे उन्हें भी मंजूरी दे दी जाएगी। इन सभी को फीस जमा करवाने के नोटिस दिए जा रहे हैं।
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इधर एडहाक कमेटी आज लेगी 36 अवैध कालोनियों पर एक्शन रिपोर्ट
नगर निगम की बिल्डिग एडहाक कमेटी वीरवार को बिल्डिग ब्रांच के अफसरों से रामामंडी और कैंट की 36 अवैध कालोनियों पर एक्शन रिपोर्ट लेगी। इन कालोनियों पर कमेटी ने एक्शन के लिए निर्देश दे रखा है। कालोनियों में अवैध होने का बोर्ड भी लगाए जाना है और पुलिस केस दर्ज करने की शिकायत भी करनी है। एडहॉक कमेटी बार-बार इसके निर्देश दे रही है लेकिन बिल्डिग ब्रांच के अफसरों ने अभी तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया है। कैंट में एक ही व्यक्ति 18 कालोनियां विकसित की हैं जबकि रामा मंडी में 14 अवैध कालोनियां पुरानी हैं जबकि 4 कालोनियों का काम इस समय चल रहा है।