अमृतसर एयरपोर्ट से भागे 13 कोरोना संक्रमित बने सिरदर्द, घर से पकड़ कर लाए जा रहे अस्पताल
वीरवार को रोम से आए चार्टर्ड प्लेन में सवार 125 यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इनमें से 13 अमृतसर के थे। इन्हें गुरुनानक देव अस्पताल जाने को कहा गया था। बड़ी लापरवाही यह रही कि इन्हें पुलिस सुरक्षा में अस्पताल नहीं भेजा गया।
जासं, अमृतसर। रोम से आए चार्टर्ड प्लेन से उतरे 125 कोरोना संक्रमितों में अमृतसर के 13 संक्रमितों के गायब होने के बाद चौबीस घंटों बाद भी शासन-प्रशासन के हाथ पांव फूले हैं। इन भगोड़े संक्रमितों के पासपोर्ट पर दर्ज पते के आधार पर स्वास्थ्य विभाग व पुलिस की टीमें इन्हें तलाश करने में जुटी हैं। इनमें से तीन लोग तरनतारन के रहने वाले हैं जबकि इनके पासपोर्ट पर अमृतसर का पता दर्ज था। स्वास्थ्य विभाग ने तरनतारन सिविल सर्जन को सूचित किया है। एक शख्स लुधियाना का रहने वाला है, जिसके पासपोर्ट पर अमृतसर का पता दर्ज था। इसकी सूचना भी लुधियाना प्रशासन को दी गई है।
भगोड़े संक्रमितों की तलाश में वीरवार शाम से ही पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें जुटी रहीं। देर रात पुलिस कमिश्नर सुखचैन सिंह गिल ने सिविल सर्जन अमृतसर डा. चरणजीत सिंह से बात कर सभी भगोड़ों के पते दिए और इन्हें ट्रेस करने के लिए एंबुलेंस भेजने का कहा। समाचार लिखे जाने तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें इन लोगों के घरों तक पहुंच चुकी थीं। इन्हें अस्पताल लाने की प्रक्रिया जारी है।
अस्पताल में किसी ने ध्यान नहीं दिया तो घर चले गए
फरार हुए संक्रमितों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों से संबधित हैं, जबकि एक छेहरटा का निवासी है। यहां बताना जरूरी है कि बीते वीरवार को रोम से आए चार्टर्ड प्लेन में सवार 125 यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इनमें से 13 अमृतसर के थे। इन्हें गुरुनानक देव अस्पताल जाने को कहा गया था। बड़ी लापरवाही यह रही कि इन्हें पुलिस सुरक्षा में अस्पताल नहीं भेजा गया। ये लोग अपने वाहनों से एयरपोर्ट से निकले। इनमें से 9 एयरपोर्ट से ही घर चले गए, जबकि शेष चार अस्पताल पहुंचे पर वहां भी किसी ने इन पर ध्यान नहीं दिया। कुछ देर रुक कर ये भी अस्पताल से घर को चले गए। मामले की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।
डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा जो स्वयं कोरोना संक्रमित हैं उन्होंने देर रात ही चेतावनी जारी कर दी कि जो लोग भागे हैं वे फौरन अस्पताल आएं अन्यथा उनके पासपोर्ट रद किए जाएंगे। इनके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इनकी फोटो भी प्रसारित की जाएंगी। हालंकि इस चेतावनी के बाद स्वेच्छा से तो कोई अस्पताल नहीं पहुंचा, पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें इनके घरों तक पहुंच गई हैं। कुछ देर में इन्हें गुरुनानक देव अस्पताल में दाखिल करवाया जाएगा।