Move to Jagran APP

पूर्व कैबिनेट सिद्धू के कुनबे की अजीब परेशानी... पढ़ें अमृतसर की और भी कई रोचक खबरें

पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के सितारे चाहे कुछ बोलें। उनसे ज्यादा चिंतित उनका कुनबा है कि उनके सितारे कब बदलेंगे। कांग्रेस में बीच-बीच में उन्हें पद देने की बात उठती है पर कुनबे का कहना है पहले कुछ मिल तो जाने दो फिर बधाई देना।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Thu, 18 Feb 2021 11:47 AM (IST)Updated: Thu, 18 Feb 2021 11:47 AM (IST)
पूर्व कैबिनेट सिद्धू के कुनबे की अजीब परेशानी... पढ़ें अमृतसर की और भी कई रोचक खबरें
अमृतसर में वकील और पुलिस अधिकारी में झड़प चर्चा का विषय बन गई। (जागरण)

अमृतसर, [विपिन कुमार राणा]। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के सितारे चाहे कुछ बोलें या न बोलें, पर उनसे ज्यादा चिंतित उनका कुनबा है कि उनके सितारे कब बदलेंगे। यूं तो पिछले पौने दो साल से ही कयास लग रहे हैं। अब जब पंजाब में कांग्रेस नगर निकाय चुनाव को वर्ष 2022 का सेमीफाइनल मानकर डटी थी, तब सिद्धू कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए। तब सिद्धू की गुगली किसी को समझ नहीं आई पर उनसे मुलाकात के बाद जैसे ही पंजाब की कैबिनेट में उन्हें जगह देने के लिए चर्चा छिड़ी तो फिर से उनके कुनबे का चेहरा गुलजार हो गया। सिद्धू कुनबे के साथ जुड़े कुछ नेता पार्टी में इकट्ठे हुए। उन्हें बधाइयां मिलने का दौर चला तो एक ने बीच में टोकते हुए कहा कि पहले कुछ मिल तो जाने दो, फिर बधाई देना। पौने दो साल में मिली बधाइयां यूं ही व्यर्थ ही गई हैं।

loksabha election banner

मैं वकीलों का बाप हूं...

हाल ही में शहर के रेलवे स्टेशन के पास किसी बात को लेकर पुलिस और एक वकील में झड़प हो गई। बाद एक-दूसरे को देख लेने तक पहुंच गई। तभी वकील ने अपने साथी वकीलों को बुलाने की धमकी दे डाली। यह सुनकर पुलिस अधिकारी भी तैश में आ गए, बोले, जिसे मर्जी बुला ले, मैं किसी से डरता नहीं हूं। वकीलों की धमकी मत दो, मैं वकीलों का बाप हूं। अब यह सुनते ही वकील साहब और भड़क उठे। उन्होंने अपने साथियों को बुला लिया। जैसे ही साथी आए तो वह पुलिस वालों पर यह कहते हुए चढ़ गए कि उन्होंने इतनी बात कैसे कह दी कि वह वकीलों के बाप हैं। मामला गरमाते देखकर उस पुलिस अधिकारी ने बड़ी विनम्रता के साथ कहा, मेरे दो बच्चे हैं और दोनों वकील हैं। ऐसे में मैं खुद को वकीलों का बाप नहीं कहूंगा तो और क्या कहूं।

नेताजी की संपत्ति पर नजर
कांग्रेस के एक पूर्व पार्षद को लेकर शहर का सियासी ही नहीं प्रशासनिक गलियारा भी इस समय गरमाया है। हो भी क्यों न, नेताजी लोगों के ही नहीं अधिकारियों और नेताओं के पैसे लेकर गायब हो गए हैं। सभी उन्हें ढूंढ रहे हैं, ताकि पता चल सके कि उनके पैसों की वापसी कैसे और कब होगी। नेताजी का पता लगवाने के लिए हर कोई प्रयासरत है, क्योंकि हर किसी का अपना स्वार्थ इससे जुड़ा है। नेताजी के गायब होने के बाद ज्यों-ज्यों दिन बढ़ते जा रहे हैं, सबके माथे की शिकन बढ़ी है। इसी बीच लेनदारों ने उनकी संपत्ति की वैल्यूएशन शुरू कर दी है। पता लगवाया जा रहा है कि नेताजी की कहां-कहां, कितनी संपत्ति है और उसकी मार्केट वैल्यू क्या है। सब लेनदार इसी जुगत में लगे हैं कि नेताजी न आए और उनके पैसों की वापसी नहीं हुई तो किसने किस संपत्ति पर अपना कब्जा करना है।

कब्जे पर निगम की किरकिरी

शहर के एक अहम चौराहे में नगर निगम की करोड़ों रुपये की जमीन है। समय-समय पर उस पर कब्जा करने के प्रयास हुए, पर विफल कर दिए गए। यहां तक कि उस जगह की जाली रजिस्ट्री तक सामने आ गई और नगर निगम को वहां अपनी संपत्ति का बोर्ड तक लगवाना पड़ गया। पिछले दिनों एक धाॢमक संस्था की ओर से उस जगह पर कब्जे की कोशिश की जा रही है। मामला निगम के आलाधिकारियों तक को पता है और बाकायदा इसकी एफआइआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को भी लिखा गया है। शिकायत के बावजूद पुलिस की ओर से अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं हो सकी। अब जब दोबारा कब्जे का प्रयास हुआ और टीम कब्जे वाली जमीन पर पहुंची तो आसपास के लोग भी उनकी चुटकी लेने लगे, बोले- अपनी जगह पर तो निगम से एफआइआर दर्ज करवाई नहीं जा रही। दूसरे लोगों पर आप क्या कार्रवाई करोगे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.