पंजाब के 14 जिलों में 108 एंबुलेंस सेवाएं ठप, मांगों को लेकर कर्मचारियों बठिंडा में दिया राज्य स्तरीय धरना
बठिंडा में 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने राज्य स्तरीय रोष रैली की। शनिवार को 14 जिलों के कर्मचारियों ने अपनी एंबुलेंस सेवाएं बंद कर सिविल अस्पताल बठिंडा पहुंचे और अपनी एंबुलेंस बंद कर खड़ी कर प्राइवेट कंपनी व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, बठिंडा। तीन माह से वेतन नहीं मिलने और उन्हें प्राइवेट कंपनी की बजाएं सरकार के अधीन लेने की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से हड़ताल पर चल रहे 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शनिवार को बठिंडा में राज्य स्तरीय रोष रैली की। शनिवार को 14 जिलों के कर्मचारियों ने अपनी एंबुलेंस सेवाएं बंद कर सिविल अस्पताल बठिंडा पहुंचे और अपनी एंबुलेंस बंद कर खड़ी कर प्राइवेट कंपनी व पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। शनिवार को बठिंडा, मानसा के अलावा फरीदकोट, मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का, अबोहर, बरनाला, संगरूर, श्री मुक्तसर साहिब में 108 एंबुलेंस सेवाएं बंद रखी गई।
कर्मचारियों की हड़ताल के कारण आम लोगों को काफी परेशानी से जूझना पड़ रहा है। वहीं मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ा। खासकर डिलवरी व इमरजेंसी केसों में मरीजों को घरों से अस्पताल लेकर आने व छोड़ने का काम पूरी तरह से प्रभावित रहा। प्रदर्शनकारी मांगे पूरी होने तक आंदोलन जरी रखने पर अड़े हुए है। इस दौरान 108 नंबर पर आने वाली कोई भी कॉल रिसीव नहीं की वही किसी भी मरीज को अस्पताल से लेकर आ व लेकर जाने का काम नहीं किया। वहीं एंबुलेंस कर्मचारियों ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
108 एंबुलेंस यूनियन के परमिंदर सिंह, अमनदीप सिंह, सुखदीप सिंह, बलविंदर सिंह, गुरशरण सिंह, गुरप्रेम सिंह, गुरप्रीत सिंह व जगचानन सिंह ने बताया कि कर्मचारियों को ठेकेदारी सिस्टम के अधीन काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जिस कंपनी को ठेका दिया गया है, उनके द्वारा कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की जाती है। इसके विरोध में वह हड़ताल पर गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 108 एंबुलेंस में डी-फार्मेसी डिग्री के कर्मचारियों को भर्ती किया जाता है। लेकिन अब 108 में 12वीं पास लोगों को भी भर्ती किया जाने लगा है। ऐसे में मरीज की जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है।