जाने-माने शायर आलोक श्रीवास्तव पहुंचे जालंधर, बीस साल बाद मिले दोस्त से
अचरज में है आत्मा सांसें भी हैरान हुक्म दिया है जिसने खाली करो मकान इन दोनों पंक्तियों की रचना की है शेरो-शायरी में 20 साल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ा रहे आलोक श्रीवास्तव ने। मंगलवार को वह कैंट में अपने मित्र एडवोकेट विनोद गोयल को मिले।
बृज गुप्ता, जालंधर छावनी
'अचरज में है आत्मा, सांसें भी हैरान
हुक्म दिया है जिसने खाली करो मकान'
इन दोनों पंक्तियों की रचना की है शेरो-शायरी में 20 साल से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ा रहे आलोक श्रीवास्तव ने। मंगलवार को वह कैंट में अपने मित्र एडवोकेट विनोद गोयल को मिले। इतने समय बाद मिलते ही उनकी आंखें भर आई और उनसे मिलने के बाद उन्होंने इन दो लाइनों में हाल-ए-दिल बयां कर दिया। एडवोकेट विनोद गोयल खुद भी शायरी के शौकीन हैं। उन्होंने बताया कि उनकी आलोक श्रीवास्तव से पहली मुलाकात जालंधर के देशभगत यादगार हाल में एक बुक स्टाल पर हुई थी। उन्होंने उस समय उनके द्वारा लिखित एक किताब भी खरीदी थी जो आज तक उनके पास है। आलोक श्रीवास्तव की आंखें उस वक्त छलक गई जब एडवोकेट गोयल ने उनके द्वारा भेजे गए एक-एक खत और उनके साथ पते वाले लिफाफा दिखाया जिसे दो दशक बाद भी संभालकर रखा था।
आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि वे भोपाल के रहने वाले हैं और फिलहाल दिल्ली में रह रहे हैं। उन्होंने इन 20 सालों में कई न्यूज चैनलों में बतौर एडिटर व रिपोर्टर भी काम किया। कौन बनेगा करोड़पति में वह बतौर एक्सपर्ट भी शामिल हो चुके हैं। उनकी कई गजलों को जगजीत सिंह, शंकर महादेवन ने गाया है। मध्य प्रदेश में साहित्य अकादमी की ओर से दुष्यंत कुमार अवार्ड भी मिल चुका है। मास्को अमेरिका में भी कम उम्र के कवि होने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं। उन्हें अम्मा अवार्ड बेस्ट एल्बम ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। उनकी कुछ पंक्तियां बच्चन साहब भी अपने मुख से कई बार कई प्रोग्रामों में अक्सर गाते रहते हैं।