विधानसभा क्षेत्र डेरा बाबा नानक से आखिर कौन संभालेगा अकाली दल की कमान, कई नेता ठोक रहे दावेदारी
विधानसभा हलका डेरा बाबा नानक में अकाली दल बादल के लिए उम्मीदवार का चयन करना आसान नहीं रहेगा। इस हलके में अकाली दल के कई धड़े हैं जिनमें पूरी गुटबंदी दिखा रहे है। कई नए और पुराने नेता टिकट के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं।
सुरिंदर खोसला, किला लाल सिंह। पंजाब विधानसभा चुनावों में कुछ महीनों का ही समय बचा है। सभी पार्टियों व टिकट के चाहवानों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। अगर बात की जाए विधानसभा हलका डेरा बाबा नानक की तो यहां अकाली दल बादल के लिए उम्मीदवार का चयन करना कोई आसान नहीं रहेगा। इस हलके में अकाली दल के कई धड़े हैं, जिनमें पूरी गुटबंदी दिखा रहे है। पार्टी हाईकमान भी पूरी दुविधा में है कि इस हलके से किसे इंचार्ज घोषित किया जाए। इंचार्ज घोषित न होने से यहां वर्कर पूरी दुविधा में फंसे हैं।
इस समय हलका डेरा बाबा नानक से पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह के पुत्र व कोर कमेटी के सदस्य सुखजिंदर सिंह सोनू लंगाह की तरफ से अपने धड़े के साथ मिलकर हलके में लगातार प्रचार किया जा रहा है। वे हलका डेरा बाबा नानक से टिकट के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं क्योंकि पहले उनके पिता सुच्चा सिंह लंगाह भी इस सीट से चुनाव लड़ते आए हैं।
दूसरी तरफ निर्मल सिंह काहलों पूर्व स्पीकर पंजाब भी दावेदारी पेश कर रहे हैं। मगर हाईकमान की तरफ से हरी झंडी ना मिलने की वजह से वे खुद ही इस सीट की दावेदारी को छोड़ चुके हैं। उधर, पिछली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के टिकट पर हलके से चुनाव लड़ चुके गुरप्रताप सिंह खुशहालपुर, जो कि कुछ समय पहले अकाली दल बादल में शामिल हुए हैं, वह भी अपने समर्थकों के साथ बैठक कर हाईकमान से हलके की इंचार्जीं की राह देख रहे हैं।
गुरप्रताप सिंह खुशहालपुर और सुच्चा सिंह छोटेपुर।
अब सुच्चा सिंह छोटेपुर की एक बार फिर से अकाली दल बादल में शामिल होने की चर्चा चल रही हैं। इंटरनेट मीडिया में कई लोगों की तरफ से ऐसा प्रचार भी किया जा रहा है कि वह भी हलका डेरा बाबा नानक से इंचार्जीं के चाह्वान हैं। इसके अतिरिक्त इंद्रजीत सिंह रंधावा तथा उनके पुत्र दीपइंद्र सिंह रंधावा ने कांग्रेस से अकाली दल में शामिल होने के समय से ही हलके के गांवों में अकाली वर्करों से मीटिंगों का सिलसिला शुरू कर दिया था।अकाली दल हाईकमान ने इंद्रजीत सिंह रंधावा को पहले अकाली दल का सीनियर उपाध्यक्ष बनाया और फिर पीएसी मेंबर भी नियुक्त किया। इस समय उनकी तरफ से हलके में बड़े स्तर पर मीटिंगें कर अकाली दल को मजबूत किया जा रहा है। वह भी हलके से इंचार्जीं के दावेदार हैं।
मगर अब तो यह समय ही बताएगा कि पार्टी हाईकमान हलका डेरा बाबा नानक की बागडोर किसके हाथ में सौंपेगी। अकाली दल हाईकमान को इस बारे जल्द ही फैसला लेना होगा, क्योंकि यहां के वर्कर भी पूरी दुविधा में है कि आखिर उनका नेता कौन होगा। अगर अकाली दल की तरफ से इस संबंधी कोई जल्द फैसला ना लिया गया तो हलके में अकाली दल को नुकसान झेलना पड़ सकता है।