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आठ वर्षों बाद इतना ठंडा हुआ मई का महीना, पारा लुढ़कर 22 डिग्री तक पहुंचा

मौसम विभाग के डायरेक्टर डॉ सुरेंद्र पाल के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव हुआ है। आमतौर पर गर्म रहने वाला मई लंबे समय पर इतना ठंडा हुआ है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 05:07 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 05:07 PM (IST)
आठ वर्षों बाद इतना ठंडा हुआ मई का महीना, पारा लुढ़कर 22 डिग्री तक पहुंचा
आठ वर्षों बाद इतना ठंडा हुआ मई का महीना, पारा लुढ़कर 22 डिग्री तक पहुंचा

जालंधर [शाम सहगल]। पिछले तीन दिनों से मौसम में आए बदलाव से मौसम सुहाना बना हुआ है। वर्ष 2012 के बाद पहली बार मई महीने में लोगों ने इतनी ठंडक महसूस की जा रही है। 8 वर्ष पूर्व 3 दिन लगातार बूंदाबांदी बारिश के चलते मई महीने में तापमान गिरकर इस स्तर पर पहुंचा था। अब एक बार फिर मौसम ने उसी तरह के तेवर दिखाए हैं। 

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रविवार को सुबह तेज बारिश तथा सर्द हवाओं ने ठंडक बढ़ा दी। इस कारण गर्मी का कहर बरपाने वाले मई महीने में लोगों ने फरवरी जैसी ठंड का एहसास किया। पिछले तीन दिनों से लगातार गिर रहे तापमान का दौर जारी रहा। शनिवार को अधिकतम 34 डिग्री सेल्सियस चल रहा तापमान रविवार सुबह गिरकर 30 डिग्री सेल्सियस रह गया। यही नहीं मई महीने में न्यूनतम 22 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने से लोगों ने एक बार फिर से ठंड महसूस की।

वीरवार बाद दोपहर से आसमान में छाए बादल तथा तेज हवाओं के बाद से ही मौसम का मिजाज बदलना शुरू हो गया था। सप्ताह की शुरुआत में 42 से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुके तापमान में गिरावट का दौर भी इसके साथ ही शुरू हो गया। जिसके तहत शुक्रवार को 38 तथा शनिवार को 34 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वहीं रविवार को सुबह से ही आसमान में गरज के साथ छाए बादल तथा तेज बारिश के बाद तापमान में हो रही गिरावट के बाद 30 डिग्री सेल्सियस रह गया। हालांकि मौसम विभाग ने इसे लेकर पहले से चेतावनी दी थी।

मौसम विभाग के डायरेक्टर डॉ सुरेंद्र पाल के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में बदलाव हुआ है। आमतौर पर गर्म रहने वाला मई लंबे समय पर इतना ठंडा हुआ है। उन्होंने कहा कि सोमवार से धूप मिलेगी तथा मौसम सामान्य रहेगा। वहीं 6 जून को फिर से आसमान में गरज के साथ बादल छाए रहने तथा बूंदाबांदी की संभावना है। 

धान की बोआई के लिए बेहतर

कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर विनीत शर्मा के मुताबिक अगर बारिश के साथ ओलावृष्टि होती है तो इससे खरबूजा तथा तरबूज की फसल प्रभावित हो सकती है। जबकि धान की फसल की बुआई करने वालों के लिए बारिश लाभकारी है। इसके साथ ही सीजन की सब्जियों की पैदावार पर भी खास असर नहीं पड़ेगा।

शहर के कई इलाकों में हुआ जलभराव

रविवार को सुबह हुई बारिश से शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। जंढुसिंघा रोड पर पड़े गड्ढों में बारिश का पानी भर गया था। इसी तरह इकहरी पुली, चंदन नगर, गुड मंडी व इमाम नासिर सहित शहर के कई इलाकों में बारिश का पानी जमा हो गया। रविवार को छुट्टी वाले दिन होने के चलते सीवरेज की निकासी करने के लिए मुलाजिमों का भी टोटा रहा जिस कारण लोग इस परेशानी से दो-चार होते रहे।


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