Covid-19 के बाद अब किसानों आंदोलन की मार झेल रहे कुली व वेंडर, रोजी रोटी का जुगाड़ कर पाना हुआ मुश्किल
किसानों की तरफ से अभी केवल माल गाड़ियों के जरिए रसद को पहुंचाने की शर्त पर ही ट्रैक खाली किए गए हैं। जिस वजह से एक भी यात्री ट्रेन पंजाब में न आने की वजह से कुली आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
जालंधर, जेएनएन। फिरोजपुर मंडल के अधीन पंजाब में आने व जाने वाली सभी यात्री ट्रेनें बंद हैं। यात्री ट्रेनों के ना चल पाने की वजह से कुलियों और वेंडरों को रोजी रोटी का जुगाड़ कर पाना मुश्किल हो गया है। क्योंकि किसानों की तरफ से अभी केवल माल गाड़ियों के जरिए रसद को पहुंचाने की शर्त पर ही ट्रैक खाली किए गए हैं। जिस वजह से एक भी यात्री ट्रेन पंजाब में न आने की वजह से कुली आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
इन हालातों में वेंडर और कुली अफसरों की तरफ मदद के हाथ की आस लगाए बैठे हैं। मगर अभी तक उनकी सुध किसी ने भी नहीं ली है। इससे पहले कोविड-19 के लगभग पांच महीने तक कुली और वेंडरों की तरफ से दानी सज्जनों की मदद से बमुश्किल घर खर्च को संभाले रखा। मगर एक बार फिर से उनके घर के हालात वैसे ही बन गए हैं, जैसे कोविड-19 काल में अनलॉक-5 के पहले से थे।
यूनियन की मांग, ग्रुप डी में किया जाए शामिल
ऑल इंडिया लाल वर्दी कुली यूनियन के प्रधान कश्मीर और सचिव स्वर्ण सिंह कहते हैं कि वह रेलवे से निरंतर यही मांग कर रहे हैं कि उनकी सेवाओं को ग्रुप डी के तहत शामिल करके रेगुलर किया जाए। रेलवे की तरफ से अब यात्रियों को कोच इंडिकेटर, डिस्प्ले बोर्ड, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि सुविधाएं दिए जाने की वजह से पहले ही उनका घर खर्च चला पाना मुश्किल हो गया है और बाकी रही कसर कोविड-19 काल ने निकाल दी।
उन्होंने कहा कि ट्रेनों को चलाने की मंजूरी के बाद पटरी पर गिनी-चुनी ट्रेनें चलने लग पड़ी थी और सप्ताह में दो-तीन दिन उनके ठीक निकल आते थे। मगर अब किसानों के आंदोलन की वजह से ट्रेनें एक बार फिर से रुक गई और उनके घर खर्च को चलाने के लिए जीविका का साधन भी नहीं रहा। उनकी मांग है कि उनकी सेवाओं को देखते हुए रेलवे जल्द से जल्द उन्हें ग्रुप डी में शामिल कर उनके भविष्य को बचाएं। दूसरी तरफ वेंडर रोहित और सुरेश का कहना है कि पहले कोविड-19 और अब किसानों के प्रदर्शन की वजह से ट्रेन में न चल पाने की वजह से स्टाल बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में उनके पास कोई भी आजीविका का साधन नहीं है।