जालंधर में ट्रक की टक्कर से बस के परखच्चे उड़े, बॉडी फेब्रिकेशन पर सवालिया निशान; अभी तक नहीं हुई पहचान
ट्रक की टक्कर के साथ बस के परखच्चे उड़ जाते हैं और ट्रक का बेहद कम नुकसान होता है। संशय बस बॉडी फेब्रिकेशन की क्वालिटी पर है और 2 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक बस फेब्रिकेशन की क्वालिटी को लेकर जांच ही नहीं हो सकी है।
जालंधर [मनुपाल शर्मा]। ट्रक की टक्कर के साथ बस के परखच्चे उड़ जाते हैं और ट्रक का बेहद कम नुकसान होता है। संशय बस बॉडी फेब्रिकेशन की क्वालिटी पर है और 2 दिन बीत जाने के बावजूद भी अभी तक बस फेब्रिकेशन की क्वालिटी को लेकर जांच ही नहीं हो सकी है। लापरवाही का आलम यह है कि दुर्घटनाग्रस्त बस किलोमीटर स्कीम के तहत निजी ऑपरेटर से ली गई थी और अभी तक बस के मालिक तक से कोई पूछताछ नहीं हो पाई है। मंगलवार देर शाम जालंधर-अमृतसर मार्ग पर करतारपुर के नजदीक पीआरटीसी पटियाला डिपो की बस और ट्रक के मध्य टक्कर हुई, जिसमें बस के परखच्चे उड़ गए।
देशभर में यात्री बसों की सुरक्षा को लेकर फेब्रिकेशन के मानक तय किए गए हैं, जिसका पालन पंजाब के परिवहन विभाग की तरफ से किया जाना अनिवार्य है, लेकिन दुर्घटना में बस के परखच्चे उड़ना बेहद हैरानीजनक है। यात्री बसों के सुरक्षा मानक इसी सोच के साथ तय किए जाते हैं, ताकि दुर्घटना होने की सूरत में कम से कम नुकसान हो, लेकिन करतारपुर के नजदीक पीआरटीसी बस के हादसे ने अब परिवहन विभाग की अफसरशाही की तरफ से किए जा रहे सुरक्षा मानकों के दावों की पोल खोल कर रख दी है। इस बारे में पीआरटीसी पटियाला डिपो के जीएम प्रवीण कुमार ने कहा कि बस किलोमीटर स्कीम के तहत निजी ट्रांसपोर्टर से ली गई थी।
बस के मालिक को बुलाया जाएगा और फेब्रिकेशन को लेकर जांच की जाएगी। वही, बस बॉडी फेब्रिकेशन से जुड़ी अपर इंडिया कोच बिल्डर्स एसोसिएशन, पंजाब के अध्यक्ष विजय खुल्लर ने कहा कि बस की हालत देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंडर स्पेसिफिकेशन फेब्रिकेशन हुई है। जिस भी फैब्रिकेटर ने बस बनाई है। उसके खिलाफ जांच होनी चाहिए और बस को पास करने वाली अफसरशाही भी कटघरे में खड़ी की जानी चाहिए।