आप को बधाई हो, रेडीमेड पार्षद मिल गए... पढ़ें अमृतसर की और भी रोचक खबरें
गुरुनगरी अमृतसर में जहां कांग्रेस और अकाली दल के पार्षदों का आप शामिल होने का सिलसिला जारी है। वहीं नगर निगम में चल रहा मेयरशिप का विवाद रोज नई करवट ले रहा है। दूसरी ओर आप की जीत के बाद कई वालंटियर सुनवाई न होने से परेशान हैं।
विपिन कुमार राणा, अमृतसर। आम आदमी पार्टी (आप) में कांग्रेस व अन्य दलों के पार्षदों के जाने के बाद सियासी गलियारा खूब गरमाया हुआ है। लोग आप के विधायकों को बधाइयां देते हुए कह रहे हैं कि निगम की सत्ता के लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आपको तो रेडिमेड पार्षद निगम चुनाव के लिए मिल रहे हैं। इनमें से ज्यादातर के अनुभवा होने का भी लाभ आप को मिलेगा।
शहरी हलके के एक विधायक को जब किसी ने चुटकी लेते हुए बधाई दी तो वह बिफर पड़े। बोले- चुनाव में हमारे वालंटियरों ने इनके खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उनकी मेहनत के कारण ही चुनाव जीते हैं। निगम चुनाव की टिकटों पर अधिकार भी इन्हीं का बनता है। जब तक हम हैं, उनके अधिकार पर डाका डालने नहीं देंगे। अगर कोई आप में वर्कर बनने के लिए आता है तो उसका स्वागत है। वह काम करे। टिकट तो वालंटियरों को ही दिलवाएंगे।
कुर्सी के लिए खींचतान जारी
अमृतसर नगर निगम में चल रहा मेयरशिप का विवाद रोज नई करवट ले रहा है। पहले कांग्रेस पार्टी ने निगम कमिश्नर के सामने बहुमत की कवायद में 56 पार्षदों की हाजिरी लगवाई, फिर कांग्रेस की चुनौती बढ़ाते हुए मेयर करमजीत सिंह रिंटू एक तिहाई पार्षदों को आम आदमी पार्टी में शामिल कर ले गए। मेयर बनाम कांग्रेस की इस लड़ाई में अब कहीं न कहीं मेयर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं।
वह जहां अपनी कुर्सी बचाते हुए पार्षदों को अपनी तरफ खींच रहे हैैं, वहीं उनके सहयोगी इस कवायद में जुट गए हैं कि मेयरशिप भी बचाएंगे, उसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर, डिप्टी मेयर और विभागों के चेयरमैनी के पदों पर भी अपने ही लोग बिठाएंगे। निगम गलियारे में चर्चा बनी हुई है कि अब खतरा मेयर को नहीं, सबको है और इसीलिए सभी अपनी-अपनी सीट बचाने में जुट गए हैं। इसके लिए जोड़-तोड़ की राजनीति जारी है।
आप वालंटियर का छलका दर्द
प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बने अभी कुछ ही दिन हुए हैं। शहरी हलकों की पांचों विधानसभा सीटों पर आप के विधायक जीते हैैं। हाईकमान के आदेश के बाद वे अपने-अपने इलाकों में सक्रिय हो चुके हैैं। दूसरी तरफ पार्टी के वालंटियर अभी से नाराज होना शुरू हो गए हैैं। लगता है उनकी सुनवाई नहीं हो रही। इसी का नतीजा है कि एक वालंटियर ने इंटरनेट मीडिया पर अपना दर्द बयां किया।
लिखा- आम आदमी पार्टी के विधायकों से निवेदन है कि अपने वालंटियरों का सम्मान करें, उन्हीं की मेहनत से आप यहां तक पहुंचे हैं। अब वालंटियर की इस पोस्ट के बाद विरोधी राजनीतिक पार्टियां खूब चटकारे ले रही हैं। एक सियासी महफिल में जब ïइस पर चर्चा छिड़ी तो एक नेता ने चुटकी लेते हुए कहा कि इनका यदि अभी से यह हाल है तो आगे-आगे देखिए होता है क्या। अभी तो रास्ता बहुत लंबा है।
अभी से मांगने की नौबत
मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फंड मांगने का मामला सियासी गलियारों में काफी छिड़ा हुआ है। इसको लेकर आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के चुनाव से पहले के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हो रहे हैं। इसमें आप के नेता सरकार बनने पर फंड कैसे आएगा, इस पर बयान देते हुए दिखाई दे रहे हैं। रोज गार्डन में हाल ही में इसी पर भाजपा और आप नेताओं में गुफ्तगू चल रही थी।
आप नेता कह रहे थे कि अब सरकार बनने के साथ ही बदलाव की बयार शुरू हो गई है। इस पर भाजपा नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि शुरुआत में ही केंद्र सरकार से मांगने की नौबत आ गई है। चुनाव से पहले तो आप के नेता फंड का बड़ा गणित समझा रहे थे। लगता है उन्हें अब खुद ही समझ नहीं आ रहा कि फंड आना कैसे है?