Punjab Chunav 2022: आप प्रत्याशी की घोषणा के बाद खडूर साहिब में फूट के आसार, गुरसेवक सिंह गुट पहुंचा सकता है बड़ा नुकसान
Punjab Vidhan Sabha Election 2022 खडूर साहिब विधानसभा क्षेत्र से गुरसेवक सिंह औलख लगातार चार महीने से इतने सरगर्म थे कि जैसे टिकट का बड़ा भरोसा मिला हो। ऐन मौके पर पार्टी हाईकमान ने पुराने नेता लालपुरा पर दाव खेल दिया।
राजन शर्मा, तरनतारन। आम आदमी पार्टी ने विस हलका खडूर साहिब से शुक्रवार को प्रत्याशी के तौर पर मनजिंदर सिंह लालपुरा को चुनाव मैदान में उतारा। इसके बाद अब पार्टी के लिए राह आसान नहीं है। यहां से टिकट के दावेदार गुरसेवक सिंह औलख लगातार चार महीने से इतने सरगर्म थे कि जैसे टिकट का बड़ा भरोसा मिला हो। ऐन मौके पर पार्टी हाईकमान ने पुराने नेता लालपुरा पर दाव खेल दिया। अकाली दल की ओर से खडूर साहिब हलके से लगातार तीसरी बार ब्रह्मपुरा परिवार चुनाव लड़ रहा है। पहले यह हलका अनुसूचित जाति लिए आरक्षित था। यहां से मनजीत सिंह मीयांविंड तीन बार शिअद के विधायक रह चुके है।
नई हलकाबंदी के बाद यह हलका जनरल हो गया। 2012 के चुनाव में रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा पहली बार यहां से चुनाव लड़े। इस पहले ब्रह्मपुरा नौशहरा पन्नूआ हलके से चुनावी रण में उतरते थे। यह हलका नई वार्डबंदी के दौरान खत्म हो गया था। ब्रह्मपुरा जब खडूर साहिब से पहली बार सियासी रण में उतरे तो कांग्रेस के रमनजीत सिंह सिक्की के हाथों हार गए। 2017 में ब्रह्मïपुरा के बेटे रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा को सिक्की ने हराया। किसी समय ब्रह्मपुरा के करीबी रहे गुरसेवक सिंह औलख पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। छह माह पहले वह कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए। खडूर साहिब से औलख ने टिकट पर ताल ठोकते हुए हलके के प्रत्येक गांव में दिन रात एक किया। इसी क्षेत्र से मनजिंदर सिंह लालपुरा भी काफी एक्टिव रहे। 2019 के लोक सभा चुनाव में लालपुरा ने आप की ओर से चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे।
खडूर साहिब से आप की टिकट के लिए लालपुरा और औलख के बीच सीधी टक्कर थी। टिकट न मिलने से गुरसेवक सिंह औलख गुट में काफी निराशा पाई जा रही है। आप की केंद्रीय लीडरशिप ने औलख को शांत करने का प्रयास किया, परंतु वह अभी नहीं मान रहे। समझा जा रहा है कि औलख आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। वहीं, मनजिंदर सिंह लालपुरा ने कहा कि औलख उनके छोटे भाई हैं। मुझे उन पर पूरा भरोसा है। पार्टी के फैसले को मंजूर करते हुए वह चुनाव में दिन-रात एक करेंगे।