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Labour Day 2021 : जालंधर में आप ने शिकागो के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, सुरिंदर बोले- देश में मेहनतकशों को नहीं मिला न्याय

जालंधर में आप ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सुरिंदर सिंह ने कहा कि मजदूर दिवस की जड़ें आठ घंटे प्रति दिन कामगारों की मांग से उपजी थी लेकिन भारत में आज भी श्रमिकों से कम मजदूरी पर 12-12 घंटे काम लिया जाता है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 04:23 PM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 04:23 PM (IST)
Labour Day 2021 : जालंधर में आप ने शिकागो के शहीदों को दी श्रद्धांजलि, सुरिंदर बोले- देश में मेहनतकशों को नहीं मिला न्याय
जालंधर में आप प्रधान ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढी जानकारी देते हुए।

जालंधर, जेएनएन। आम आदमी पार्टी की जालन्धर इकाई ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर शिकागो के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर ओलंपियन सुरिंदर सिंह सोढी जालंधर जिला प्रधान ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी देश के मेहनतकशों को न्याय नहीं मिला है। मजदूर वर्ग का शोषण आज भी जारी रहा है। पिछले वर्ष कोरोना के दौरान, प्रवासी श्रमिकों को हजारों मील की पैदल यात्रा करनी पड़ी थी, और ऐसे कई दृश्य सामने आए जिनसे पता लगता है की किस तरह मजदूरों को हाशिए पर रखा गया है। 

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सुरिंदर सिंह ने कहा कि मजदूर दिवस की जड़ें आठ घंटे प्रति दिन कामगारों की मांग से उपजी थी, लेकिन भारत में आज भी श्रमिकों से कम मजदूरी पर 12-12 घंटे काम लिया जाता है। उन्होंने कहा कि न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार को दिहाड़ी मजदूरों की फिक्र है। सुरिंदर सिंह ने कहा कि जहां केजरीवाल सरकार कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रही है, वहीं कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ आदि का भी पूरा ध्यान रख रही है।

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ऑटो चालकों और दिहाड़ी मजदूरों के खाते में 5 हजार रुपये का भुगतान भी किया गया। यहां कैप्टन सरकार ने दिहाड़ी मजदूरों का कोई साथ नहीं दिया। कई मेहनतकशों ने तालाबंदी के कारण अपनी आजीविका खो दी है। केंद्र में मोदी सरकार और राज्य स्तर पर कैप्टन की सरकार की नीतियों के कारण मजदूर वर्ग बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। दिल्ली और पंजाब में मजदूरी के आंकड़ों की तुलना करते हुए, उन्होंने कहा कि जबकि दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी 596 रुपये है, पंजाब में आज भी मजदूरी 338 रुपये निर्धारित है।

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उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि कर्मचारी, चाहे वह किसी भी विभाग में हों या दिहाड़ी मजदूर हों, इस महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर अपना कर्तव्य निभा रहे है, उन सभी कर्मचारियों को बीमा कवर दिया जाना चाहिए। सुरिंदर सिंह ने कहा की अब समय आ गया है की सरकार, सरकारी कर्मचारिओं की पुरानी पेंशन बहाल करे और सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करे। एक से अधिक पेंशन पाने वाले सभी विधायकों-मंत्रियों की पेंशन रोक कर सरकारी खजाने की लूट बंद की जाए और उन्हें अपना आयकर स्वयं चुकाना चाहिए।

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