550वां प्रकाशोत्सव: बदली-बदली सी दिख रही नानक नगरी, कैप्टन ने किया समागमों का शुभारंभ
पंजाब सरकार की ओर से मंगलवार को श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर काली बेेई के किनारे स्थापित किए गए मुख्य पंडाल गुरु नानक दरबार में समागमों का शुभारंभ किया गया।
जेएनएन, सुल्तानपुर लोधी। पंजाब सरकार की ओर से मंगलवार को श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर काली बेेई के किनारे स्थापित किए गए मुख्य पंडाल गुरु नानक दरबार में समागमों का शुभारंभ किया गया। इसका शुभारंभ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री सहज पाठ के साथ किया। इन पाठों का भोग 12 नवंबर को डाला जाएगा।
वहीं, श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के लिए नानक नगरी बदली-बदली सी नजर आ रही है। यहां कीआबादी मात्र 18 हजार है, लेकिन देश-विदेश से आने वाली लाखों संगत के स्वागत के लिए पलकें बिछाए बैठी है। गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व आने पर मानो संगत और इस नगरी के भाग खुल गए हों। शहर बदला-बदला सा नजर आ रहा है। हर तरफ नानक नाम लेती संगत। लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम। जगह-जगह लंगर। स्वागती गेट और सतनाम वाहेगुरु के जयघोष।
दूधिया रोशनी व रंग-बिरंगी लाइट्स, शहर की खूबसूरती को चार चांद लगा रही है। ऐसा लग रहा है जैसे हर तरफ बाबा नानक की अपार कृपा बरस रही हो। शहर के चारों ओर टेंट सिटी किसी आधुनिक कॉलोनी की झलक पेश करता है। यहां यात्रियों के लिए हर सुख सुविधा है। सुरक्षा चाक चौबंद है। गुरुद्वारा बेर साहिब सहित अन्य सभी गुरुद्वारा की भव्यता को देख हर किसी का दिल खिल उठता है। काली बेईं के किनारों को भी लडिय़ों से सजाया गया है।
नानक की नगरी के दर्शन के लिए आरसीएफ को मुख्य रोड के तौर पर तैयार किया गया है। डडविंडी में सबसे बड़ी पार्किग बनी है। यहां व्हीकल पार्क करने के बाद गुरुद्वारा साहिब और शहर में ले जाने के लिए मिनी बसें व ई-रिक्शा तैयार मिलेंंगे। उससे भी पहले पार्किंग में भी लंगर के साथ चाय व काफी तैयार है, लेकिन शहर में कदम रखते ही आप का खुद पैदल चलकर गुरुद्वारा साहिब जाने को मन करेगा।
सड़क के दोनों तरफ सिख इतिहास को दर्शाती वॉल पेंटिंग है। उन सभी पर बाबा नानक की शिक्षाएं और उनकी उदासियों की झलक। हर तरफ बस नानक का नाम। उन पर नजर दौड़ाते-दौड़ाते पता ही नही चलेगा कि आप कब गुुरुद्वारा साहिब पहुंच गए, लेकिन... कुछ जगह पर आपको पुलिस के जवान व वालंटियर यह अहसास जरूर करवाएंगे कि कृपया सामने देख कर चलें।
यहां होगी असीम आनंद की प्राप्ति
गुरुद्वारा बेर साहिब में कदम रखते ही आप को एक असीम आनंद का अहसास होगा। आप चुप रहकर बाबा नानक की कर्मभूमि को नतमस्तक होकर परमात्मा की अपार कृपा का भागी होने का आनंद उठाने को तरजीह देंगे। हर तरफ इलाही गुरुबाणी के श्लोक व कीर्तन एक ऐसा नजारा सिरज रहे हैं कि यहां आने वाला हर एक श्रद्धालु बाबा नानक को अपने आसपास ही महसूस करने लगता है। घंटों लाइन में लगे रहने के बावजूद न किसी को कई शिकवा और शिकायत।
बाबा नानक के हाथों से लगे बेरी का प्रसाद हासिल करने को संगत घंटों झोलिया फैलाएं मिलेगी। पवित्र सरोवर और बगल से गुजरती पवित्र काली बेईं में स्नान करने वालों की भी कोई कमी नही। उनकी श्रद्धा के आगे ठंडा पानी भी रुकावट नहीं बनता। गुरुद्वारा साहिब से बाहर निकले तो हाल ही में लगाए गए खजूरों के वृक्षों की लाइटों से सजावट भी अपनी तरफ खींचती है। इनके साथ ही दीवार पर बाबा नानक के जीवन से संंबधित पेटिंग के इन सुमेल संग सेल्फी लेने वाली संगत भी बहुत मिल जाएगी।
पंडाल में ही गुरुद्वारा साहिब
गुरुद्वारा साहिब से बाहर निकले तो पंजाब सरकार का मुख्य पंडाल ननकाणा साहिब की झलक पेश कर रहा है। उसकी भव्यता रात को और भी निखर आती है। विभिन्न लाइटों से सजा पंडाल किसी गुरुद्वारा की तरह ही दिखाई पड़ता है। अंदर का नजारा तो वहीं रहने के लिए मजबूर कर देगा। यहां मल्टीमीडिया लाइट एंड साउंड शो आधे घंटे में बाबा नानक की जीवन यात्रा का दीदार करवाएगा। शहर के विभिन्न स्थानों पर लगी बड़ी स्क्रीनों पर बैठकर भी आप शहर के अन्य कार्यक्रमों की झलकियां देख सकते हैं।
लंगर में पकवान ऐसे कि कोई भी ललचा जाए
भूरों वाले बाबा का लंगर, नादेड़ साहिब के गुरुद्वारा लंगर साहिब का लंगर की शानदार मैनेजमेंट भी हर किसी को अपनी तरफ खींचती है। इनके अलावा भी गुरुद्वारा साहिब के पास 70 अन्य लंगर चल रहे हैं। सभी में एक से बढ़कर एक पकवान, मिठाइयां व चाय-काफी आपको आनंदित करने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें